Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2016 · 2 min read

कोई मुझको भी कविता सिखा दे …….

कोई मुझको भी कविता सिखा दे …….

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।

अपना भी मनवा ऐसा चाहे
एक प्रसिद्ध कवी मै बन जाऊ
हर तरफ हो मेरे नाम के चर्चे
बड़ी महफिलो में बुलाया जाऊं
कोई ऐसा हमको भी मन्त्र बता दे ।।

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।

जोड़ तोड़कर कविता रचूँ मै
साहित्य से निरा अनजान हूँ
मात्रा भार के भेद न जानू मै
भाषा विज्ञान से तंग-हाल हूँ
कोई सदभाषा का ज्ञान करा दे ।।

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।

कोई शेरो – शायरी लिखे
लिखे कोई ग़ज़ल कविता
देखकर दुनिया की रचना
मेरे मन जले जैसे पलीता
कोई इस पलीते को भी आग दिखा दे ।।

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।

हिंदी में लगे जाने कितनी बिंदिया
उर्दू के समझ आते अल्फाज नही
अंग्रेजी भी लिखता हूँ फ़ारसी में
आदत से आता फिर भी बाज नही
कोई इस आदत को मेरा फन बना दे ।।

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।

सीख रहा हूँ ज्ञानियों से
मे भी कुछ ज्ञान ध्यान की बाते
आकर उनके सानिध्य मे
नित जुड़ रहे है नये रिश्ते नाते
कोई इन नातो को निभाना सिखा दे ।।

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।

कबीर, सूर , तुलसी, रहीम
जैसे दोहे लिखने सीखा दे
सुमित्रा, महादेवी, निराला
की कविता रचना सिखा दे
कोई मुझमे प्रेमचंद से गुण जगा दे !!

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।

रस, छंद, अलंकार क्या है
इनका भी कुछ भान करा दे
ह्रदय भावो का करू चित्रण
सजीवता का वो भाव जगा दे
कोई ऐसा रचनतामकता का ज्ञान करा दे !!

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।

अल्लहड़ हूँ मै, बड़ा अनाडी हूँ
फिर भी लोग कहे के खिलाड़ी हूँ
टूटेफूटे भाव समेटने की आदत
सच मानो मै न कोई खिलाड़ी हूँ
कोई इस भ्रम जाल से मुक्ति दिला दे ।।

मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे ।
साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान करा दे ।।
l
l
l

रचनाकार :: ——- डी. के. निवातियाँ ——– ::

Language: Hindi
433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डी. के. निवातिया
View all
You may also like:
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
Pramila sultan
जीनते भी होती है
जीनते भी होती है
SHAMA PARVEEN
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जाने क्या छुटा रहा मुझसे
जाने क्या छुटा रहा मुझसे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
3113.*पूर्णिका*
3113.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दीवाली
दीवाली
Nitu Sah
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
Dr Archana Gupta
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
****तुलसीदास****
****तुलसीदास****
Kavita Chouhan
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वक्त काटना चाहो
वक्त काटना चाहो
Sonam Puneet Dubey
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
रुपेश कुमार
कुछ नहीं चाहिए
कुछ नहीं चाहिए
राधेश्याम "रागी"
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
सत्य कुमार प्रेमी
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है:—
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है:—
पूर्वार्थ
सबसे कठिन है
सबसे कठिन है
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
पहली बारिश मेरे शहर की-
पहली बारिश मेरे शहर की-
Dr Mukesh 'Aseemit'
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
🙅मैं नहीं कहता...🙅
🙅मैं नहीं कहता...🙅
*प्रणय प्रभात*
O CLOUD !
O CLOUD !
SURYA PRAKASH SHARMA
भयंकर शायरी
भयंकर शायरी
Rituraj shivem verma
तुम्हारे प्यार की ...
तुम्हारे प्यार की ...
Nazir Nazar
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है
पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
Satish Srijan
Loading...