Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2021 · 1 min read

कोई नहीं हमसफ़र

किसी ने
शुरुआत भी नहीं की
और मंजिल मिल गयी,
तो किसी को
हम-आपकी तरह
जिंदगी भर सफ़र
करने पड़ते हैं
और फिर भी
मंजिल मिलती नहीं !
न ही कोई मनोनुकूल
हमसफ़र
यानी कोई नहीं
हमसफ़र !

Language: Hindi
Tag: कविता
5 Likes · 2 Comments · 157 Views

Books from स्वर्णलता विश्वफूल

You may also like:
💐अज्ञात के प्रति-47💐
💐अज्ञात के प्रति-47💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अपना महत्व
अपना महत्व
Dr fauzia Naseem shad
रावण का प्रश्न
रावण का प्रश्न
Anamika Singh
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
Rajesh vyas
क्या करूँगा उड़ कर
क्या करूँगा उड़ कर
सूर्यकांत द्विवेदी
आख़िरी ग़ुलाम
आख़िरी ग़ुलाम
Shekhar Chandra Mitra
श्री श्रीचैतन्य महाप्रभु
श्री श्रीचैतन्य महाप्रभु
Pravesh Shinde
होली है!
होली है!
Dr. Shailendra Kumar Gupta
बाहों में आसमान
बाहों में आसमान
Surinder blackpen
हम कलियुग के प्राणी हैं/Ham kaliyug ke prani Hain
हम कलियुग के प्राणी हैं/Ham kaliyug ke prani Hain
Shivraj Anand
Destiny
Destiny
Nav Lekhika
"वे लिखते हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
Ravi Prakash
दिल के सब जज़्बात।
दिल के सब जज़्बात।
Taj Mohammad
आकर्षण
आकर्षण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*तुम साँझ ढले चले आना*
*तुम साँझ ढले चले आना*
Shashi kala vyas
खूबसूरत है तेरा
खूबसूरत है तेरा
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
दिलों को तोड़ जाए वह कभी आवाज मत होना। जिसे कोई ना समझे तुम कभी वो राज मत होना। तुम्हारे दिल में जो आए ज़ुबां से उसको कह देना। कभी तुम मन ही मन मुझसे सनम नाराज मत होना।
दिलों को तोड़ जाए वह कभी आवाज मत होना। जिसे...
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बारिश
बारिश
Saraswati Bajpai
✍️एक ख़्वाब आँखों से गिरा...
✍️एक ख़्वाब आँखों से गिरा...
'अशांत' शेखर
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
■ दोहा / प्रभात चिंतन
■ दोहा / प्रभात चिंतन
*Author प्रणय प्रभात*
छठ है आया
छठ है आया
Kavita Chouhan
मुझको कबतक रोकोगे
मुझको कबतक रोकोगे
Abhishek Pandey Abhi
ये लखनऊ है ज़नाब
ये लखनऊ है ज़नाब
Satish Srijan
रावण दहन
रावण दहन
Ashish Kumar
एक हरे भरे गुलशन का सपना
एक हरे भरे गुलशन का सपना
ओनिका सेतिया 'अनु '
रिश्ते रिसते रिसते रिस गए।
रिश्ते रिसते रिसते रिस गए।
Vindhya Prakash Mishra
कैसे कितने चेहरे बदलकर
कैसे कितने चेहरे बदलकर
gurudeenverma198
Loading...