Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2021 · 1 min read

कोई क्या करे? —— गजल / गीतिका

मुझे जो मिलना था मिला _ कैसा शिकवा गिला।
किसी का नहीं दोष इसमें __कोई क्या करे?
खुद को भूलाया__ जिसमें अपनापन पाया।
वहीं अगर भुला दे ____ कोई क्या करे?
पढ़ने स्कूल भेजा,जो मांगा कहा ले जा।
ज्ञान छोड़ अज्ञान पर चला जाए _ कोई क्या करे?
जीवन जीने के कई तरीके_ जिसने जैसे सीखे।
यदि सीखना ही नहीं है ____ कोई क्या करे?
कब क्या घट जाए __ घटना ही तो है।
कुदरत का नियम है यह __ कोई क्या करे?
राजेश व्यास अनुनय

1 Like · 202 Views

Books from Rajesh vyas

You may also like:
पक्षी
पक्षी
Sushil chauhan
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
सुबह की चाय है इश्क,
सुबह की चाय है इश्क,
Aniruddh Pandey
ठोकरों ने समझाया
ठोकरों ने समझाया
Anamika Singh
■ ठीक नहीं आसार
■ ठीक नहीं आसार
*Author प्रणय प्रभात*
परिवर्तन की राह पकड़ो ।
परिवर्तन की राह पकड़ो ।
Buddha Prakash
🙏मॉं कात्यायनी🙏
🙏मॉं कात्यायनी🙏
पंकज कुमार कर्ण
Jin kandho par bachpan bita , us kandhe ka mol chukana hai,
Jin kandho par bachpan bita , us kandhe ka mol...
Sakshi Tripathi
🍀🌺मैंने हर जगह ज़िक्र किया है तुम्हारा🌺🍀
🍀🌺मैंने हर जगह ज़िक्र किया है तुम्हारा🌺🍀
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
A Donkey and A Lady
A Donkey and A Lady
AJAY AMITABH SUMAN
दिवाली है
दिवाली है
शेख़ जाफ़र खान
खुद को खामोश करके
खुद को खामोश करके
Dr fauzia Naseem shad
होली की हार्दिक शुभकामनाएं🎊
होली की हार्दिक शुभकामनाएं🎊
Aruna Dogra Sharma
डियर जिंदगी ❤️
डियर जिंदगी ❤️
Sahil Shukla
अल्लादीन का चिराग़
अल्लादीन का चिराग़
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आस्तीक भाग -छः
आस्तीक भाग -छः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कभी चुपचाप  धीरे से हमारे दर पे आ जाना
कभी चुपचाप धीरे से हमारे दर पे आ जाना
Ranjana Verma
फितरत वो दोस्ती की कहाँ
फितरत वो दोस्ती की कहाँ
Rashmi Sanjay
वफा का हर वादा निभा रहे है।
वफा का हर वादा निभा रहे है।
Taj Mohammad
तटस्थ बुद्धिजीवी
तटस्थ बुद्धिजीवी
Shekhar Chandra Mitra
नारी रखे है पालना l
नारी रखे है पालना l
अरविन्द व्यास
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
★उसकी यादें ★
★उसकी यादें ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
✍️ये अंधेरा मेरे रूह में निखर गया
✍️ये अंधेरा मेरे रूह में निखर गया
'अशांत' शेखर
*निजीकरण तो हटा किंतु, शोषण-उत्पीड़न जारी है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*निजीकरण तो हटा किंतु, शोषण-उत्पीड़न जारी है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
शिशिर का स्पर्श / (ठंड का नवगीत)
शिशिर का स्पर्श / (ठंड का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
Amber Srivastava
हाँ मैं नारी हूँ
हाँ मैं नारी हूँ
Surya Barman
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
Surinder blackpen
***
*** " बसंती-क़हर और मेरे सांवरे सजन......! " ***
VEDANTA PATEL
Loading...