Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2023 · 1 min read

कैसा समाज

महात्मा गांधी की आत्मा
सिसक रही होगी आज
भारत के राजनीतिकों ने
गढ़ दिया कैसा समाज
जाति,पाति और धर्म की
खाई लेती जा रही विस्तार
संसद और विधानसभाओं
में अब दागियों की भरमार
धनिकों के सेवक बन गए
हैं सियासत के सभी सदन
किसान,मजदूर और बेकार
युवाओं का सुनते नहीं रुदन
स्थानीय निकाय बन गए हैं
बस भ्रष्टाचारियों की चरागाह
उन्हें सुनाई पड़ती नहीं कभी
पीड़ित नागरिकों की कराह
बाजारों ने निगल ली गांवों के
युवाओं की मानसिक शक्ति
ऐसे में उनमें उपज रही तेजी
से गांवों के प्रति अजब विरक्ति
गांवों की चिंता कौन करेगा
आज का यह बड़ा सवाल
गांवों के विकास के बिना कैसे
हो सकेगा अपना देश खुशहाल

Language: Hindi
66 Views
You may also like:
ऐ जिंदगी तू कब तक?
ऐ जिंदगी तू कब तक?
Taj Mohammad
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
डी. के. निवातिया
हक़ अदा इंसानियत का
हक़ अदा इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
🌸प्रेम कौतुक-193🌸
🌸प्रेम कौतुक-193🌸
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"नवसंवत्सर सबको शुभ हो..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शांति युद्ध
शांति युद्ध
Dr.Priya Soni Khare
इश्क़ के समंदर में
इश्क़ के समंदर में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नीला अम्बर नील सरोवर
नीला अम्बर नील सरोवर
डॉ. शिव लहरी
अक्लमंद --एक व्यंग्य
अक्लमंद --एक व्यंग्य
Surinder blackpen
#Om
#Om
Ankita Patel
ज़माने में बहुत लोगों से बहुत नुकसान हुआ
ज़माने में बहुत लोगों से बहुत नुकसान हुआ
शिव प्रताप लोधी
क्या करते हो?
क्या करते हो?
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मेरी प्यारी कविता
मेरी प्यारी कविता
Ms.Ankit Halke jha
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
***
*** " कभी-कभी...! " ***
VEDANTA PATEL
हे देश मेरे महबूब है तू,
हे देश मेरे महबूब है तू,
Satish Srijan
जीवन उर्जा ईश्वर का वरदान है।
जीवन उर्जा ईश्वर का वरदान है।
Anamika Singh
😢दंडक वन के दृश्य😢
😢दंडक वन के दृश्य😢
*Author प्रणय प्रभात*
एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ।
एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ।
Manisha Manjari
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अब सुनता कौन है
अब सुनता कौन है
जगदीश लववंशी
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
Shashi kala vyas
*अतिक्रमण ( हिंदी गजल/गीतिका )*
*अतिक्रमण ( हिंदी गजल/गीतिका )*
Ravi Prakash
समय पर संकल्प करना...
समय पर संकल्प करना...
Manoj Kushwaha PS
विवेक
विवेक
Sidhartha Mishra
सधे कदम
सधे कदम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...