Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2023 · 1 min read

कैद अधरों मुस्कान है

ग़ज़ल

ज़िंदगी जीना कहाँ आसान है
कैद अधरों पर हुई मुस्कान है

रो रहा घर आज अपनों के लिए
गाँव आँगन द्वार सब वीरान है

घूमते हैं जो सियासत की गली
खूब अब उनकी वहाँ पहचान है

थे कभी अनजान हम जिससे वही
बात कर दिल का हुआ मेहमान है

मोल करता आदमी का आदमी
बन गया धनवान ही भगवान है

आ गई है सभ्यता में अब कमी
लुप्त वृद्धों का हुआ सम्मान है

सिद्ध करता जो ‘सुधा’ है तारिका
ज्ञान का भंडार ये विज्ञान है

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
वाराणसी ,©®

Language: Hindi
438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
surenderpal vaidya
"I having the Consistency as
Nikita Gupta
समय की धारा रोके ना रुकती,
समय की धारा रोके ना रुकती,
Neerja Sharma
मम्मी की खीर
मम्मी की खीर
अरशद रसूल बदायूंनी
कोलाहल
कोलाहल
Bodhisatva kastooriya
45...Ramal musaddas maKHbuun
45...Ramal musaddas maKHbuun
sushil yadav
सजा उसे भगवान
सजा उसे भगवान
RAMESH SHARMA
ज़मीर मर गया सब का..और आत्मा सो गयी .....
ज़मीर मर गया सब का..और आत्मा सो गयी .....
shabina. Naaz
दिल पहले शीशा था,अब पत्थर बना लिया।
दिल पहले शीशा था,अब पत्थर बना लिया।
Priya princess panwar
- इज्जत और आत्महत्या -
- इज्जत और आत्महत्या -
Priyank Upadhyay
नारी सम्मान
नारी सम्मान
Sanjay ' शून्य'
अपने जीवन में सभी सुधार कर सकते ।
अपने जीवन में सभी सुधार कर सकते ।
Raju Gajbhiye
शतरंज
शतरंज
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
भारत माता के सच्चे सपूत
भारत माता के सच्चे सपूत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमने उनकी मुस्कुराहटों की खातिर
हमने उनकी मुस्कुराहटों की खातिर
Harminder Kaur
*बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं (हिंदी गजल)*
*बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
नयनो का महिमा
नयनो का महिमा
Mukund Patil
3287.*पूर्णिका*
3287.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी और आसू
जिंदगी और आसू
पूर्वार्थ
सामाजिक संस्कारों का पतन:
सामाजिक संस्कारों का पतन:
जगदीश शर्मा सहज
शाकाहार स्वस्थ आहार
शाकाहार स्वस्थ आहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
पहली किताब या पहली मुहब्बत
पहली किताब या पहली मुहब्बत
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
"भेद-अभेद"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारा प्रेम,
तुम्हारा प्रेम,
लक्ष्मी सिंह
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
कितने भारत
कितने भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शुभ-यामिनी
शुभ-यामिनी
*प्रणय*
Loading...