Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2016 · 1 min read

कृष्ण-जन्म

अँधियारे का पक्ष, भाद्रपदी शुभ अष्टमी,
बंदीगृह का कक्ष, जगमग आलोकित हुआ..

धरि शिशुरूप सहज हो नाता. सम्मुख विष्णु उपस्थित माता..
नतमस्तक वसुदेव देवकी. स्वीकारें हरिरूप सेवकी..
लीलाधर हैं भाग्य विधाता. बंधनमुक्त हुए पितु-माता..
सुप्त अवस्था में सब प्रहरी, थी सम्पूर्ण व्यवस्था बहरी..
मनमोहक शिशु किलकत भावै, अपलक दृष्टि मातु सुख पावै..
आसन सूप शीश धरि हरि को. तब वसुदेव चले गोकुल को..
दर्शन करि सब देव सरसते. मुदित मेघ घनघोर बरसते..
यमुना पार मगन मन जाना. शेषनाग फन छतरी ताना..
हरि चरनन की प्यासी यमुना. मुदित बढ़ें डूबन को नथुना.
यह लखि कान्ह पाँव लटकावा. पद पखारि जल नीचे आवा.
गोकुल नन्द धाम में माया. अदला-बदली धर्म सुहाया..
ले कन्या बंदीगृह आये. पुनि सब बंधन वापस पाये..

कंस आगमन तब हुआ. कन्या छीने दुष्ट.
पटका पत्थर पर तभी, हुई देवकी रुष्ट..
आसमान में जा उड़ा, माया का वह रूप.
जन्मा तेरा काल है, दुष्ट निर्दयी भूप..

घनघोर घन घिरि दामिनी संग, मेघ पुनि वर्षित हुए.
लखि रूप मोहन माँ यशोदा नन्द सब हर्षित हुए.
हरि सांवरे बन कान्ह किलकत भाग्य गोकुल का खिला.
शुचि प्रियतमा राधा सहित है आज सुख सबको मिला..

मने कृष्ण जन्माष्टमी, जपें कृष्ण का नाम.
नतमस्तक होकर उन्हें, कोटिश करें प्रणाम
________________________________________
रचनाकार–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सबसे बड़ा सवाल मुँहवे ताकत रहे
सबसे बड़ा सवाल मुँहवे ताकत रहे
आकाश महेशपुरी
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
Neeraj Naveed
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
Meenakshi Masoom
अपने
अपने
Adha Deshwal
जग में वो ही सच में, सच्चा गुरु कहलाता है
जग में वो ही सच में, सच्चा गुरु कहलाता है
gurudeenverma198
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे पास खिलौने के लिए पैसा नहीं है मैं वक्त देता हूं अपने ब
मेरे पास खिलौने के लिए पैसा नहीं है मैं वक्त देता हूं अपने ब
Ranjeet kumar patre
*आम (बाल कविता)*
*आम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
Pardushan
Pardushan
ASHISH KUMAR SINGH
इश्क़ में ज़हर की ज़रूरत नहीं है बे यारा,
इश्क़ में ज़हर की ज़रूरत नहीं है बे यारा,
शेखर सिंह
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
Subhash Singhai
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
Shubham Pandey (S P)
जीवन की परिभाषा क्या ?
जीवन की परिभाषा क्या ?
Dr fauzia Naseem shad
"हाउसवाइफ"
Dr. Kishan tandon kranti
है धरा पर पाप का हर अभिश्राप बाकी!
है धरा पर पाप का हर अभिश्राप बाकी!
Bodhisatva kastooriya
रोम रोम है पुलकित मन
रोम रोम है पुलकित मन
sudhir kumar
हाथ थाम लो मेरा
हाथ थाम लो मेरा
Dr. Rajeev Jain
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
आज का मुक्तक
आज का मुक्तक
*प्रणय प्रभात*
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
Sanjay ' शून्य'
कोहली किंग
कोहली किंग
पूर्वार्थ
घाव दिए जिसने सभी ,
घाव दिए जिसने सभी ,
sushil sarna
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
त्रेतायुग-
त्रेतायुग-
Dr.Rashmi Mishra
रिश्ता और ज़िद्द दोनों में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है, इसलिए ज
रिश्ता और ज़िद्द दोनों में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है, इसलिए ज
Anand Kumar
Loading...