*कृपा करें जगदीश 【कुंडलिया】*

*कृपा करें जगदीश 【कुंडलिया】*
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खीरा कड़वा कब रहा ,कटता ज्यों ही शीश
अहंकार यों मारिए , कृपा करें जगदीश
कृपा करें जगदीश , तराशें हीरे – जैसा
घट जाता आकार , मूल्य में ज्यादा पैसा
कहते रवि कविराय ,कष्ट सहता है हीरा
सहो काल के दंश , सीख देता है खीरा
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*रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
*मोबाइल 99976 15451*