कुत्ता और मालिक संवाद
एक कुत्ते ने कहा मालिक से
मैं तुम्हारी रोटी खाकर ऋणी हो जाता हूँ
मैं प्रभू से सदा तुम्हारें लिए दुआएं माँगता हूँ
मैं वफ़ादार बन कर
मैं स्वामी भक्त बन कर
अपना फर्ज निभाता हूँ
मैं उस रोटी का कर्ज चुकाता हूँ।
मालिक कहता उस कुत्ते से
मैं तो भाई
उसी थाली में खाता हूँ
उसी में छेद करता हूँ।
मेरे मालिक की जेब हो खाली
मेरी जेब हो भरी
प्रभू से यही दुआएं करता हूँ
मैं बेइमानी से काम करता हूँ।
मैं बेईमानी नहीं करूँगा
मेरे बच्चे रोते-बिलखते नजर आएँगे
मेरे सपने अधूरे रह जाएँगे
इसलिए बेइमानी से काम करता हूँ
मैं चिंतामुक्त आराम करता हूँ।।।
राकेश कुमार राठौर
चाम्पा (छत्तीसगढ़)