Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2016 · 1 min read

कुटिल इन्सान कब होता कुटिल तो चाल होती है

कुटिल इन्सान कब होता कुटिल तो चाल होती है
बुराई देखकर इंसानियत बे हाल होती है
करो तुम नेह की बर्षा पिघल जाये कुटिल मन भी
भरा हो नेह दिल में तो मनुजता ढाल होती है
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
2 Comments · 362 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
ruby kumari
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
manjula chauhan
*”ममता”* पार्ट-1
*”ममता”* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
आया खूब निखार
आया खूब निखार
surenderpal vaidya
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
sushil sarna
■ आज का अनूठा शेर।
■ आज का अनूठा शेर।
*Author प्रणय प्रभात*
दशावतार
दशावतार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल को खुशी
दिल को खुशी
shabina. Naaz
चेहरे उजले ,और हर इन्सान शरीफ़ दिखता है ।
चेहरे उजले ,और हर इन्सान शरीफ़ दिखता है ।
Ashwini sharma
वो तो शहर से आए थे
वो तो शहर से आए थे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
कुंडलिया छंद की विकास यात्रा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कछुआ और खरगोश
कछुआ और खरगोश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सपने
सपने
Divya kumari
तेरी याद
तेरी याद
Umender kumar
Winning
Winning
Dr. Rajiv
अभी बचपन है इनका
अभी बचपन है इनका
gurudeenverma198
अनुराग
अनुराग
Sanjay ' शून्य'
आर-पार की साँसें
आर-पार की साँसें
Dr. Sunita Singh
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में
Surinder blackpen
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
Khem Kiran Saini
महाराणा
महाराणा
दशरथ रांकावत 'शक्ति'
The bestest education one can deliver is  humanity and achie
The bestest education one can deliver is humanity and achie
Nupur Pathak
हुआ चैत्र आरंभ , सुगंधित कपड़े पहने (कुंडलिया)
हुआ चैत्र आरंभ , सुगंधित कपड़े पहने (कुंडलिया)
Ravi Prakash
तीन दोहे
तीन दोहे
Vijay kumar Pandey
बाहरी वस्तु व्यक्ति को,
बाहरी वस्तु व्यक्ति को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर कभी ना माने
हर कभी ना माने
Dinesh Gupta
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
Anil Mishra Prahari
दूसरी दुनिया का कोई
दूसरी दुनिया का कोई
Dr fauzia Naseem shad
Loading...