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15 Aug 2021 · 1 min read

कुछ लिखा था

कुछ लिखा था और कुछ अभी बाकी हैं.
जन्नत-ए-ख्वाब देखा पूरा होना बाकी हैं.
वो देखे ख्याब जो जन्नत के सच हो जाएंगे
समय आने दो सब पहेली हम सुलझाएंगे।

© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला-महासमुन्द (छःग)

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
1 Like · 360 Views
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