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4 Apr 2024 · 1 min read

कुछ राज़ बताए थे अपनों को

कुछ राज़ बताए थे अपनों को
ना जाने कैसे वो सरेआम हो गए
या तो हमने गलत समझ लिया वे अपने थे
या फिर सच में दीवारों के कान हो गए

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