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21 May 2023 · 1 min read

कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।

कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
तेरे दिल का मेरे दिल से वास्ता रहा होगा।
इस दिल ने है ठोकरें खाया डगर डगर पे।
यूँ ही नहीं सितमगर ये रास्ता रहा होगा।।

© मो• एहतेशाम अहमद,
पश्चिम बंगाल

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