Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

कुछ चोरों ने मिलकर के अब,

कुछ चोरों ने मिलकर के अब,
सभा बुलाई है।
राजा को अब फेंक उखाड़ें, मिसल बनाई है।।
**********************
पप्पू- गप्पू चोर लुटेरे,
सब सॅग साथ हुए।
चारा खाकर कुछ बंदों ने,
नव सौपान छुए।
दंड संहिता से बचने की, जुगत लगाई है।
###############
चोर-चोर मौसेरे भाई,
शोर मचाते हैं।
काले कौवे मिलकर जैसे,
सुर में गाते हैं।।
भानुमती के कुनबे ने यह,सेज सजाई है।।
#############
तथ्य नहीं है बातो में कुछ,बस बर्राते हैं।
दिन में सपन देखते हैं जो,
सच झुठलाते हैं।
तरह-तरह के आरोपों की, झड़ी लगाई है
***************************

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 79 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
Sachin Mishra
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
कवि रमेशराज
" वर्तमान "
Dr. Kishan tandon kranti
अंधेरों से कह दो की भटकाया न करें हमें।
अंधेरों से कह दो की भटकाया न करें हमें।
Rj Anand Prajapati
बाग़ी
बाग़ी
Shekhar Chandra Mitra
13. पुष्पों की क्यारी
13. पुष्पों की क्यारी
Rajeev Dutta
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
gurudeenverma198
दृष्टा
दृष्टा
Shashi Mahajan
मेरे जज़्बात कुछ अलग हैं,
मेरे जज़्बात कुछ अलग हैं,
Sunil Maheshwari
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
विनती
विनती
कविता झा ‘गीत’
* सत्य पथ पर *
* सत्य पथ पर *
surenderpal vaidya
जीवन
जीवन
Santosh Shrivastava
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
..
..
*प्रणय*
*** एक दौर....!!! ***
*** एक दौर....!!! ***
VEDANTA PATEL
THE SUN
THE SUN
SURYA PRAKASH SHARMA
4663.*पूर्णिका*
4663.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुस्कुराहट के ज़ख्म
मुस्कुराहट के ज़ख्म
Dr fauzia Naseem shad
समय का निवेश:
समय का निवेश:
पूर्वार्थ
बंदूक की गोली से,
बंदूक की गोली से,
नेताम आर सी
“विश्वास”
“विश्वास”
Neeraj kumar Soni
सफ़र अभी लंबा है...
सफ़र अभी लंबा है...
Ajit Kumar "Karn"
वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो कहते हैं कहाँ रहोगे
वो कहते हैं कहाँ रहोगे
VINOD CHAUHAN
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Vin88
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राम हमारे श्याम तुम्हारे
राम हमारे श्याम तुम्हारे
विशाल शुक्ल
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
Loading...