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25 Oct 2016 · 1 min read

कुछ कह न सका अथरों से तभी:: जिते द्रकमलआनंद( पोस्ट१०७)

जब कुछ कह न सका अथरों से
तभी लेखनी कर में आयी ।।

कुछ ऐसा हो गया हमारा तुमसे —
यह सम्बन्ध प्यार का ,
शब्दो् में अव्यक्त रहे जो —
पतझर में दुखडा बहार का ।
मैंनै तो हर बात तुम्हारी सौगंधों की
भॉति निभाायी ।।
जब कुछ कह न सका अधरों से
तभी लेखनी कर में आयी ।।

—- जितेंद्रकमलआनंद

Language: Hindi
Tag: गीत
323 Views
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