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29 Jun 2022 · 1 min read

कुंडलिया छंद

चलना हरपल साथिया,पकड़ हाथ में हाथ।
लगती सुंदर सृष्टि ये, जब हो तेरा साथ।
जब हो तेरा साथ,प्रकृति भी रहे निखरती।
देख जुदाई स्वप्न, जिंदगी लगे बिखरती।
रहना तुम मासूम,फूल सी हरपल खिलना।
हो कैसा भी दौर, साथ तुम मेरे चलना।।
डाॅ. बिपिन पाण्डेय

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