Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2024 · 1 min read

कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है

कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
तो भरकर बाहर आती है
जीवन का भी यही गणित है जो झुकता हैं वह प्राप्त करता है

170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कहाँ साँस लेने की फुर्सत, दिनभर दौड़ लगाती माँ 【 गीत 】*
*कहाँ साँस लेने की फुर्सत, दिनभर दौड़ लगाती माँ 【 गीत 】*
Ravi Prakash
" फ़ौजी"
Yogendra Chaturwedi
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
Rituraj shivem verma
मां कात्यायिनी स्तुति
मां कात्यायिनी स्तुति
मधुसूदन गौतम
😢बस एक सवाल😢
😢बस एक सवाल😢
*प्रणय प्रभात*
प्रेम ही जीवन है।
प्रेम ही जीवन है।
Acharya Rama Nand Mandal
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
Shweta Soni
सदा दे रहे
सदा दे रहे
अंसार एटवी
देश हमारा भारत प्यारा
देश हमारा भारत प्यारा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अनुराग
अनुराग
Bodhisatva kastooriya
इंसान और कुता
इंसान और कुता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
क़िस्मत से जो मिले, वो नियामत है दोस्ती,
क़िस्मत से जो मिले, वो नियामत है दोस्ती,
Neelofar Khan
Prapancha mahila mathru dinotsavam
Prapancha mahila mathru dinotsavam
jayanth kaweeshwar
वो हमें भी तो
वो हमें भी तो
Dr fauzia Naseem shad
वो सौदा भी होगा इक रोज़,
वो सौदा भी होगा इक रोज़,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
gurudeenverma198
वो किताब अब भी जिन्दा है।
वो किताब अब भी जिन्दा है।
दुर्गा प्रसाद नाग
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
यूं न इतराया कर,ये तो बस ‘इत्तेफ़ाक’ है
यूं न इतराया कर,ये तो बस ‘इत्तेफ़ाक’ है
Keshav kishor Kumar
बिन बोले सब बयान हो जाता है
बिन बोले सब बयान हो जाता है
रुचि शर्मा
I want to tell them, they exist!!
I want to tell them, they exist!!
Rachana
दोस्ती की कीमत - कहानी
दोस्ती की कीमत - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कहा किसी ने आ मिलो तो वक्त ही नही मिला।।
कहा किसी ने आ मिलो तो वक्त ही नही मिला।।
पूर्वार्थ
ले कर मुझे
ले कर मुझे
हिमांशु Kulshrestha
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
"कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
Rajesh vyas
कब रात बीत जाती है
कब रात बीत जाती है
Madhuyanka Raj
The Lost Umbrella
The Lost Umbrella
R. H. SRIDEVI
Loading...