किस गुस्ताखी की जमाना सजा देता है..

किस गुस्ताखी की जमाना सजा देता है..
पंख खुलते ही तितली के पर कतर देता है,
लाखों केंचियां चलाना परो पर फिर भी
आसमान छूने वाला आसमान छू लेता है.
✍कवि दीपक सरल
किस गुस्ताखी की जमाना सजा देता है..
पंख खुलते ही तितली के पर कतर देता है,
लाखों केंचियां चलाना परो पर फिर भी
आसमान छूने वाला आसमान छू लेता है.
✍कवि दीपक सरल