Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2024 · 1 min read

किसी और के आंगन में

किसी और के आंगन में
तेरे जलवों की रोशनी है
सूना रहा आशियां मेरा
कहीं अमावस, कहीं चांदनी है

चित्रा बिष्ट

47 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शादी की बुनियाद
शादी की बुनियाद
पूर्वार्थ
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
कवि रमेशराज
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
सुस्ता लीजिये - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
What if...
What if...
R. H. SRIDEVI
मानवता का सन्देश
मानवता का सन्देश
manorath maharaj
सत्य
सत्य
Rajesh Kumar Kaurav
4212💐 *पूर्णिका* 💐
4212💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*खर्चा करके खुद किया ,अपना ही सम्मान (हास्य कुंडलिया )*
*खर्चा करके खुद किया ,अपना ही सम्मान (हास्य कुंडलिया )*
Ravi Prakash
गौण हुईं अनुभूतियाँ,
गौण हुईं अनुभूतियाँ,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आप मुझको
आप मुझको
Dr fauzia Naseem shad
"हमदर्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
लघुकथा - एक रुपया
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
*पल  दो  पल ठहर तो सही*
*पल दो पल ठहर तो सही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"इश्क़ वर्दी से"
Lohit Tamta
कर्ण कृष्ण संवाद
कर्ण कृष्ण संवाद
Chitra Bisht
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
Aadarsh Dubey
तुम हो
तुम हो
Jalaj Dwivedi
- जनता है त्रस्त नेता है मस्त -
- जनता है त्रस्त नेता है मस्त -
bharat gehlot
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
Paras Nath Jha
भीतर तू निहारा कर
भीतर तू निहारा कर
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dr. Priya Gupta
*लटें जज़्बात कीं*
*लटें जज़्बात कीं*
Poonam Matia
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
TAMANNA BILASPURI
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उपेक्षित फूल
उपेक्षित फूल
SATPAL CHAUHAN
लोग जाने किधर गये
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कमजोर नहीं हूं मैं।
कमजोर नहीं हूं मैं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अन्तर मन में उबल रही  है, हर गली गली की ज्वाला ,
अन्तर मन में उबल रही है, हर गली गली की ज्वाला ,
Neelofar Khan
Loading...