Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2023 · 2 min read

किसको दोष दें ?

आसमान से गिरे खजूर में अटके ,
जा रहे थे रेलगाड़ी सफर में
बैंगलुरू से चैन्नई ,
व्हाइट फील्ड स्टेशन में आ अटके ,
इंजन जो खराब हो गया,
गाड़ी बंद हो खड़ी हो गई ,
गाड़ी चलने के इंतज़ार में
बोरीयत की अति हो गई ,
समय बिताने के लिए
समोसे – कटलेट खाए
काफी भी पी,
पर फिर भी गाड़ी ज्यूँ की त्यूँ खड़ी रही
टस से मस न हुई ,
बैठे बैठे पाँच घंटे बीत गए सब्र का
बांध टूटने लगा ,
यात्रियों की परेशानी सुनवाई करने वाला
कोई ना था,
उड़ती खबर आई कि दूसरा इंजन ,
बैगलुरू से बुलवाया गया हैै ,
तभी गाड़ी चलेगी ,
कोई यह बतलाने वाला ना था,
कि कब गाड़ी चलेगी और
कब तक चेन्नई पहुँचेगी ,
हम सब यात्री भगवान के भरोसे
भजन करते रहे ,
कुछेक रेल्वे प्रबंधन एवं शासन व्यवस्था को
कोसते- भड़ास निकालते रहे ,
अन्ततोगत्वा रात के 8 बजे इंजन के
दर्शन हुए,
यात्रियों ने तब राहत की सांस ली
उल्लसित हुए,
थक हार कर हम रात डेढ़ बजे चैन्नई पहुँच पाए ,
अन्त में दो बजे रात घर पहुँच,
भूखे सोने मजबूर हुए,
इस असंभावित कष्ट के लिए हम किसको दोष दें ?
शासन व्यवस्था , रेल विभाग के कर्मचारियों – अधिकारियों की अकर्मण्यता, या शासन तंत्र की ढुलमुल व्यवस्था या निजीकरण की नीती ?
कुछ समझ मे नही आता ,
हम किस झूठे – वादो , दिलासों एवं
छद्मपूरित ओजपूर्ण भाषणों के दौर जी रहे हैं? जिसमे चंद राजनीतिज्ञ अपने
राजनैतिक स्वार्थे के लिए,
अपनी मनमर्जी कर आम आदमी का
जीवन दूभर कर रहे हैं।

टिप्पणी : उपरोक्त कविता सत्यघटना पर आधारित है। जो दिनांक 22 फरवरी बैगलुरु से चैन्नई गाड़ी क्रमांक 22626 से यात्रा के दौरान घटित हुई।

Language: Hindi
46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Shyam Sundar Subramanian

You may also like:
ये दिल है जो तुम्हारा
ये दिल है जो तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
बचपन
बचपन
Dr. Seema Varma
2264.
2264.
Dr.Khedu Bharti
ऐ जोश क्या गरज मुझे हूरो-कसूर से, मेरा वतन मेरे लिए जन्नत से
ऐ जोश क्या गरज मुझे हूरो-कसूर से, मेरा वतन मेरे लिए जन्नत से
Dr. Rajiv
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
देश के युवा करे पुकार, शिक्षित हो हमारी सरकार
देश के युवा करे पुकार, शिक्षित हो हमारी सरकार
Gouri tiwari
"ख़्वाहिशें उतनी सी कीजे जो मुक़म्मल हो सकें।
*Author प्रणय प्रभात*
वैमनस्य का अहसास
वैमनस्य का अहसास
Dr Praveen Thakur
लंगोटिया यारी
लंगोटिया यारी
Sandeep Pande
बंटते हिन्दू बंटता देश
बंटते हिन्दू बंटता देश
विजय कुमार अग्रवाल
*जय हनुमान वीर बलशाली (कुछ चौपाइयॉं)*
*जय हनुमान वीर बलशाली (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
सूर्यकांत द्विवेदी
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
सुरक्षा कवच
सुरक्षा कवच
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शब्दों में समाहित है
शब्दों में समाहित है
Dr fauzia Naseem shad
पुस्तकें
पुस्तकें
डॉ. शिव लहरी
अरदास
अरदास
Buddha Prakash
आईना अब भी मुझसे
आईना अब भी मुझसे
Satish Srijan
जीवन
जीवन
नन्दलाल सुथार "राही"
"जिरह"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या करें वे लोग?
क्या करें वे लोग?
Shekhar Chandra Mitra
सोच बदलनी होगी
सोच बदलनी होगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वक्त का इंतजार करो मेरे भाई
वक्त का इंतजार करो मेरे भाई
Yash mehra
वक़्त सितम इस तरह, ढा रहा है आजकल,
वक़्त सितम इस तरह, ढा रहा है आजकल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हमारे दरमियान कुछ फासला है।
हमारे दरमियान कुछ फासला है।
Surinder blackpen
💐अज्ञात के प्रति-12💐
💐अज्ञात के प्रति-12💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सार्थक मंथन
सार्थक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
Loading...