Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2024 · 2 min read

किशोरावस्था : एक चिंतन

किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमें बचपन की अवस्था से युवावस्था में पदार्पण होता है।
इस प्रारंभिक दौर में कई शारीरिक परिवर्तन भी दृष्टिगोचर होते हैं इसके अतिरिक्त बचपन के अपरिपक्व मस्तिष्क का विकास परिपक्वता की दिशा में होने लगता है।

परिवर्तन के इस आयाम में किशोरावस्था की मानसिक स्थिति में एक ऊहापोह की स्थिति बनी रहती है , जो किसी भी तर्कपूर्ण निर्णय लेने में बाधित करती रहती है।
इस दशा में किशोर समकक्ष किशोरों की समूह मानसिकता से प्रभावित होने लगता है , उसमें व्यक्तिगत मानसिकता की प्रज्ञाशक्ति का विकास उस स्तर तक नहीं हो पाता जिससे वह निहित संज्ञान का विश्लेषण कर तर्कपूर्ण निर्णय ले सके।

इस प्रकार किशोर की यह मानसिक अवस्था उसे कभी-कभी उसे उसके द्वारा लिए गए अविवेकशील निर्णय से उसके भविष्य को प्रभावित कर सकती है।

किशोरावस्था में हितचिंतकों की सलाह का
प्रभाव भी किशोर की सोच में परिवर्तन की दिशा में अपेक्षाकृत कम ही देखा गया है।

अतः किशोरावस्था एक संवेदनशील अवस्था है जो किशोरों के भविष्य की दशा एवं दिशा निर्धारण में एक अहम भूमिका निभाती है।

वर्तमान समय में किशोरों को दिग्भ्रमित करने के लिए के लिए कई साधन उपलब्ध हैं , जो किशोरों को प्रगतिशील राह से भटकाकर उनका भविष्य बर्बाद कर सकते हैं।

सामूहिक मानसिकता का नकारात्मक प्रभाव किशोरों की मानसिकता पर पड़ रहा है। जिसके प्रमुख कारण देश में विस्तृत बेरोजगार की समस्या , प्रशिक्षण एवं रोजगार कमाने के अवसरों का अभाव है।

वर्तमान में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या एक विकट समस्या के रूप में प्रस्तुत हुई है , जिसका प्रमुख कारण शासन व्यवस्था की अकर्मण्यता ,
शासकीय नौकरियों की नियुक्ति में धांधली एवं
भ्रष्टाचार शामिल है।
जिसके कारण युवा त्वरित पैसा कमाने के मायाजाल जुआ, सट्टा , ऑनलाइन गेमिंग , धोखाधड़ी इत्यादि में लिप्त होकर अपना भविष्य अंधकारमय बना रहा है।

अतः हमें आवश्यक है इस विषय में गंभीरता से चिंतन करें, एवं किशोरों एवं युवाओं को शिक्षित एवं प्रशिक्षित करने के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जाएं।

इसके लिए हमें रोजगार उपलब्ध कराने हेतु वित्तीय संसाधन एवं वैकल्पिक रोजगार के अवसरों का विकास करना होगा।
जिसके लिए हमें शासन के अतिरिक्त निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर खोजने होंगे एवं इसमें निजी क्षेत्रों की भागीदारी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करनी होगी।

हमें इस पुनीत कार्य को समयबद्ध अभियान के तहत संपन्न करना होगा एवं इसे हरेक नागरिक की भागीदारी के सामाजिक दायित्व के रूप में प्रस्तुत करना होगा।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 2 Comments · 114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

3065.*पूर्णिका*
3065.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
Ranjeet kumar patre
नींद का कुछ ,कुसूर थोड़ी था।
नींद का कुछ ,कुसूर थोड़ी था।
Dr fauzia Naseem shad
पूछो ज़रा दिल से
पूछो ज़रा दिल से
Surinder blackpen
Every today has its tomorrow
Every today has its tomorrow
Dr Archana Gupta
*अनमोल वचन*
*अनमोल वचन*
नेताम आर सी
जीवन तो बहती दरिया है-काल चक्र का सर्प सदा ही हमको है डसता
जीवन तो बहती दरिया है-काल चक्र का सर्प सदा ही हमको है डसता
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
■ सत्यानासी कहीं का।
■ सत्यानासी कहीं का।
*प्रणय*
मेरे  जीवन की  कमी हो  तुम
मेरे जीवन की कमी हो तुम
Sonam Puneet Dubey
*शास्त्री जीः एक आदर्श शिक्षक*
*शास्त्री जीः एक आदर्श शिक्षक*
Ravi Prakash
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
Bidyadhar Mantry
फूल
फूल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
क्या श्रीमद्भगवद्गीता में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है? (Is there a solution to all the problems in Srimad Bhagavad Gita?)
क्या श्रीमद्भगवद्गीता में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है? (Is there a solution to all the problems in Srimad Bhagavad Gita?)
Acharya Shilak Ram
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
shabina. Naaz
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
इतना बेबस हो गया हूं मैं ......
Keshav kishor Kumar
- श्याम वर्ण की डोरी -
- श्याम वर्ण की डोरी -
bharat gehlot
सितारे न तोड़ पाऊंगा
सितारे न तोड़ पाऊंगा
अरशद रसूल बदायूंनी
जिस्म झुलसाती हुई गर्मी में..
जिस्म झुलसाती हुई गर्मी में..
Shweta Soni
अंधेरे में
अंधेरे में
Santosh Shrivastava
कुपमंडुक
कुपमंडुक
Rajeev Dutta
हल्के किरदार अक्सर घाव गहरे दे जाते हैं।
हल्के किरदार अक्सर घाव गहरे दे जाते हैं।
अर्चना मुकेश मेहता
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तरक्की से तकलीफ
तरक्की से तकलीफ
शेखर सिंह
कहा कृष्ण ने -
कहा कृष्ण ने -
महेश चन्द्र त्रिपाठी
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"देश-धरम"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा पंचक. . . मकरंद
दोहा पंचक. . . मकरंद
sushil sarna
Loading...