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18 Dec 2020 · 1 min read

जनतंत्र में

भोग रहा जनतंत्र में, निर्धन कष्ट अनेक
खाने से फ़ुरसत मिले, नेता इनको देख

जन्म लिया फुटपाथ पर, संकट मिले हरेक
उभरते रहे मृत्यु तक, हाय रे! दुःख अनेक

कितने मारे ठण्ड ने, मेरे शम्भूनाथ
उत्तर सभ्य समाज से, मांग रहा फुटपाथ

Language: Hindi
Tag: दोहा
2 Likes · 1 Comment · 213 Views

Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali

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