Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2024 · 1 min read

कितना खाली खालीपन है !

जीवन के सब उद्यम हारे
मुझको पूरा करने में
तुम जो साथ नहीं होते तो
कितना खाली खालीपन है !
जाने क्यों जब तुम जाते हो
संग मेरा मन ले जाते हो ।
खोज रही हर ठाँव में खुद को
हर यात्रा बस एक भटकन है।
खुद को व्यस्त किया बहुतेरा
मनोरंजन भी बहुत जुटाए
किन्तु ये सब कुछ ऐसा लगता
बिना प्राण के जैसे तन है ।
तुम जो साथ नहीं होते तो
कितना खाली खालीपन है ।

Language: Hindi
200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all

You may also like these posts

दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
Manoj Mahato
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
श्रमजीवी
श्रमजीवी
नवल किशोर सिंह
नारी के चरित्र पर
नारी के चरित्र पर
Dr fauzia Naseem shad
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
Surinder blackpen
कुछ बातें पुरानी
कुछ बातें पुरानी
PRATIK JANGID
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
Suryakant Dwivedi
2988.*पूर्णिका*
2988.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लोग क्या कहेंगे
लोग क्या कहेंगे
Mansi Kadam
सादापन
सादापन
NAVNEET SINGH
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"सड़क"
Dr. Kishan tandon kranti
हमर मयारू गांव
हमर मयारू गांव
Dushyant Kumar Patel
आज कल के लोग बड़े निराले हैं,
आज कल के लोग बड़े निराले हैं,
Nitesh Shah
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
Neelam Sharma
हमारे त्योहार
हमारे त्योहार
Sudhir srivastava
सुख दुख
सुख दुख
पूर्वार्थ
"डोली बेटी की"
Ekta chitrangini
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
भूप
भूप
Shriyansh Gupta
अजीब सी बेताबी है
अजीब सी बेताबी है
शेखर सिंह
जो मिल ही नही सकता उसकी हम चाहत क्यों करें।
जो मिल ही नही सकता उसकी हम चाहत क्यों करें।
Rj Anand Prajapati
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
Ravi Prakash
जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
साक्षात्कार स्वयं का
साक्षात्कार स्वयं का
Pratibha Pandey
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गरीबी और लाचारी
गरीबी और लाचारी
Mukesh Kumar Sonkar
जीवन पथ पर चलते जाना
जीवन पथ पर चलते जाना
नूरफातिमा खातून नूरी
#गजल:-
#गजल:-
*प्रणय*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...