Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना

कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
सुनना समझना समझाना,धीरे धीरे अपना असर जमाना
वक्त का चक्र जब घूमा,रिश्ता.. जो अपना था होने लगा बेगाना
कभी कमियाँ गिनाना अहसान जताना
किसी फूल की तरह,हवा के मार से कुम्हला जाना
कुछ ऐसा ही है,रिश्तों का जमाना।।

222 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
తేదీ
తేదీ
Otteri Selvakumar
हालातों से युद्ध हो हुआ।
हालातों से युद्ध हो हुआ।
Kuldeep mishra (KD)
लुटा दी सब दौलत, पर मुस्कान बाकी है,
लुटा दी सब दौलत, पर मुस्कान बाकी है,
Rajesh Kumar Arjun
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
22)”शुभ नवरात्रि”
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
*जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)*
*जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
काफिला
काफिला
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"हमारे बच्चों के भविष्य खतरे में हैं ll
पूर्वार्थ
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वो दो महीने"
Dr. Kishan tandon kranti
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
Sonam Puneet Dubey
★ किताबें दीपक की★
★ किताबें दीपक की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
Ravikesh Jha
जन्म जला सा हूँ शायद...!
जन्म जला सा हूँ शायद...!
पंकज परिंदा
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रहगुज़र में चल दिखाता आइनें
रहगुज़र में चल दिखाता आइनें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जमात
जमात
AJAY AMITABH SUMAN
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बुंदेली दोहा-नदारौ
बुंदेली दोहा-नदारौ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुबह सुबह की चाय
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
युँ खुश हूँ मैं जिंदगी में अपनी ,
युँ खुश हूँ मैं जिंदगी में अपनी ,
Manisha Wandhare
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
Neelofar Khan
गज़ल
गज़ल
Jai Prakash Srivastav
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
ये कैसे रिश्ते है
ये कैसे रिश्ते है
shabina. Naaz
किशोरावस्था : एक चिंतन
किशोरावस्था : एक चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
Loading...