Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2020 · 1 min read

किंकर्तव्यविमूढ़

एक दिन मैंने ज़िंदगी से पूछा तुम इतनी निष्ठुर क्यों हो ?
ज़िंदगी बोली यह मेरा कसूर नहीं है मैं तो हालातों के हाथों मजबूर हूं।
मैंने हालातो से कहा तुम क्यों जिंदगी को मजबूर करती हो ?
हालातों ने जवाब दिया क्या करूं यह सब वक्त का किया धरा है।
मैंने जब वक्त से पूछा क्यों इस कदर हालातों को परेशान करते हो ?
वक्त ने कहा मैं यह सब कुछ मुझसे नियति करवाती है मैं उसके हाथों मजबूर हूं।
जब मैंने नियति से पूछा तुम क्यों वक्त को मजबूर बनाती हो ?
नियति बोली मैं क्या करूं प्रकृति मुझसे यह सब कुछ करवाती है।
मैंने प्रकृति से प्रश्न किया तुम क्यों नियति को यह सब करने के लिए बाध्य करती हो ?
प्रकृति ने उत्तर दिया इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। यह सब मानव का किया धरा है ।
जिसने मेरा दोहन इस कदर किया है।
कि मैं सुखदायी से दुखदाई बन कर रह गई हूं।
मैं यह सुन किंकर्तव्यविमूढ़ होकर रह गया।
क्योंकि मेरे प्रश्न का उत्तर मुझे अपने में ही मिल गया।

Language: Hindi
Tag: कविता
7 Likes · 8 Comments · 197 Views

Books from Shyam Sundar Subramanian

You may also like:
दोहा छंद विधान
दोहा छंद विधान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Sakshi Tripathi
तस्वीरे मुहब्बत
तस्वीरे मुहब्बत
shabina. Naaz
💐💐मेरे हिस्से में.........💐💐
💐💐मेरे हिस्से में.........💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विचारमंच भाग -5
विचारमंच भाग -5
Rohit Kaushik
दूर हमसे
दूर हमसे
Dr fauzia Naseem shad
#राम-राम जी..👏👏
#राम-राम जी..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी शान है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
तुम्हें अकेले चलना होगा
तुम्हें अकेले चलना होगा
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
Anis Shah
ऋतुराज बसंत
ऋतुराज बसंत
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
सुबह की किरणों ने, क्षितिज़ को रौशन किया कुछ ऐसे, मद्धम होती साँसों पर, संजीवनी का असर हुआ हो जैसे।
सुबह की किरणों ने, क्षितिज़ को रौशन किया कुछ ऐसे,...
Manisha Manjari
*परम चैतन्य*
*परम चैतन्य*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बयां क्या करें हम उनको जुबां से।
बयां क्या करें हम उनको जुबां से।
Taj Mohammad
श्री सुंदरलाल सिंघानिया ने सुनाया नवाब कल्बे अली खान के  आध्यात्मिक व्यक्तित्व क
श्री सुंदरलाल सिंघानिया ने सुनाया नवाब कल्बे अली खान के...
Ravi Prakash
खप-खप मरता आमजन
खप-खप मरता आमजन
विनोद सिल्ला
कितने फ़र्ज़?
कितने फ़र्ज़?
Shaily
अद्भभुत है स्व की यात्रा
अद्भभुत है स्व की यात्रा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जाति जनगणना
जाति जनगणना
मनोज कर्ण
कौन सोचता है
कौन सोचता है
Surinder blackpen
✍️विश्वरत्न बाबासाहब को कोटि कोटि प्रणाम
✍️विश्वरत्न बाबासाहब को कोटि कोटि प्रणाम
'अशांत' शेखर
भगतसिंह की जेल डायरी
भगतसिंह की जेल डायरी
Shekhar Chandra Mitra
दिखती  है  व्यवहार  में ,ये बात बहुत स्पष्ट
दिखती है व्यवहार में ,ये बात बहुत स्पष्ट
Dr Archana Gupta
हम भूल गए सच में, संस्कृति को
हम भूल गए सच में, संस्कृति को
gurudeenverma198
■ आलेख / चुनावी साल-2023
■ आलेख / चुनावी साल-2023
*Author प्रणय प्रभात*
नजदीक
नजदीक
जय लगन कुमार हैप्पी
भारत है वो फूल (कविता)
भारत है वो फूल (कविता)
Baal Kavi Aditya Kumar
आदि शक्ति
आदि शक्ति
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🌹तू दीवानी बन जाती 🌹
🌹तू दीवानी बन जाती 🌹
Khedu Bharti "Satyesh"
शिव दोहा एकादशी
शिव दोहा एकादशी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...