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24 May 2022 · 1 min read

चौंक पड़ती हैं सदियाॅं..

रोज आती है गौरैया
तुम्हारा संदेश लेकर
और खिलखिला पड़ते हैं
प्रसून..
वक्त बेवक्त..
रोज मुस्करा देती है
प्रतीक्षा..
मुझे देखकर!
यूं ही रोज
गा उठती है सरगम
बेवजह कोयल
और!
बस ऐसे ही..
मुॅंह मीठा कर जाती है मेरा
तुम्हारी बहुत सलोनी सी याद!
चौंक पड़ती हैं सदियाॅं..
मेरे साथ-साथ..
चुपचाप!

स्वरचित
रश्मि लहर

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 309 Views
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