*काशी-कॉरीडोर(कुंडलिया)*

*काशी-कॉरीडोर(कुंडलिया)*
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जागी काशी चल पड़ी ,नव-वैभव की ओर
गरिमा .फिर लौटा रहा ,काशी – कॉरीडोर
काशी कॉरीडोर , सांस्कृतिक यह अगुवाई
अपना भारत देश , बनारस की प्रभुताई
कहते रवि कविराय ,नींद सदियों की भागी
मोदी तुम हो धन्य , चेतना तुमसे जागी
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*रचयिता : रविप्रकाश ,बाजार सर्राफा*
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451