Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2024 · 1 min read

कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म

कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से मुक्त होने का मार्ग ढूंढती रही ये तन तो मात्र एक साधन है उस स्थिति को ग्रहण करने का पर ये भौतिक मानव मानो तो शरीर की सारी भूख ही मिटाने में लगा है भोग विलासिता में पूरा सराबोर है।
हकीकत यही है की तुम इस सृष्टि और खुद की हकीकत से बहुत दूर हो भटक चुके हो मार्ग पतन के पथ पर ही तुम अग्रसर हो।
कभी गौतम बुद्ध को जानने की कोशिश करना।
तो कभी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को सब भोगकारक वस्तुओं का त्याग करके आशा तृष्णा से दूर होकर आत्म दीपों भव सारस्वत में लीन हो गए रह गई तो उनके द्वारा बताए गए सन्मार्ग और जीवन जीने की शैली।
RJ Anand Prajapati

63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

- परिणाम क्या होगा -
- परिणाम क्या होगा -
bharat gehlot
!! राम जीवित रहे !!
!! राम जीवित रहे !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
आओ सजन प्यारे
आओ सजन प्यारे
Pratibha Pandey
मुझे भगवान बनना है
मुझे भगवान बनना है
Sudhir srivastava
गुरु चरणों की धूल*
गुरु चरणों की धूल*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
न बदले...!
न बदले...!
Srishty Bansal
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
Diwakar Mahto
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
gurudeenverma198
!! रक्षाबंधन का अभिनंदन!!
!! रक्षाबंधन का अभिनंदन!!
Chunnu Lal Gupta
गांधी के साथ हैं हम लोग
गांधी के साथ हैं हम लोग
Shekhar Chandra Mitra
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रंग जीवन के
रंग जीवन के
kumar Deepak "Mani"
"एक ही जीवन में
पूर्वार्थ
4562.*पूर्णिका*
4562.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चार यार
चार यार
Bodhisatva kastooriya
- अब नहीं!!
- अब नहीं!!
Seema gupta,Alwar
........?
........?
शेखर सिंह
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
*प्रणय*
हम तो अपनी बात कहेंगे
हम तो अपनी बात कहेंगे
अनिल कुमार निश्छल
मन मुकुर
मन मुकुर
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आंगन
आंगन
Sumangal Singh Sikarwar
सत्य विवादों से भरा,
सत्य विवादों से भरा,
sushil sarna
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
Swara Kumari arya
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
Abhishek Soni
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
दरिंदगी के ग़ुबार में अज़ीज़ किश्तों में नज़र आते हैं
दरिंदगी के ग़ुबार में अज़ीज़ किश्तों में नज़र आते हैं
Atul "Krishn"
Loading...