Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2016 · 1 min read

कातिल हमारा मुकर गया

कभी किस्मत कभी फिर सहारा मुकर गया
कश्ती जो लगी पार फिर किनारा मुकर गया
*********************************
लगा के धार भी दी हमने खुद खंजर पे मगर
वक्त जो आया कातिल फिर हमारा मुकर गया
*********************************
कपिल कुमार
09/08/2016

Language: Hindi
1 Comment · 170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ठोकर भी बहुत जरूरी है
ठोकर भी बहुत जरूरी है
Anil Mishra Prahari
एक बालक की अभिलाषा
एक बालक की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
उस पथ पर ले चलो।
उस पथ पर ले चलो।
Buddha Prakash
राह नीर की छोड़
राह नीर की छोड़
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भले ई फूल बा करिया
भले ई फूल बा करिया
आकाश महेशपुरी
*तितली आई 【बाल कविता】*
*तितली आई 【बाल कविता】*
Ravi Prakash
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
गाली भी बुरी नहीं,
गाली भी बुरी नहीं,
*Author प्रणय प्रभात*
सच तुम बहुत लगती हो अच्छी
सच तुम बहुत लगती हो अच्छी
gurudeenverma198
इन्तजार है हमको एक हमसफर का।
इन्तजार है हमको एक हमसफर का।
Taj Mohammad
" मेरी तरह "
Aarti sirsat
स्थायित्व (Stability)
स्थायित्व (Stability)
Shyam Pandey
नीला अम्बर नील सरोवर
नीला अम्बर नील सरोवर
डॉ. शिव लहरी
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
विमला महरिया मौज
जो मौका रहनुमाई का मिला है
जो मौका रहनुमाई का मिला है
Anis Shah
धन बल पर्याय
धन बल पर्याय
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
Jay Dewangan
बदल जाओ या बदलना सीखो
बदल जाओ या बदलना सीखो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-287💐
💐प्रेम कौतुक-287💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मध्यम वर्गीय परिवार ( किसान)
मध्यम वर्गीय परिवार ( किसान)
Nishant prakhar
बढ़ने वाला बढ़ रहा, तू यूं ही सोता रह...
बढ़ने वाला बढ़ रहा, तू यूं ही सोता रह...
AMRESH KUMAR VERMA
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माँ
माँ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अनमोल घड़ी
अनमोल घड़ी
Prabhudayal Raniwal
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...