आज हमने उनके ऊपर कुछ लिखने की कोशिश की,
151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद)
हसीब सोज़... बस याद बाक़ी है
*परम साहस से नाविक पार नौका को लगाता है (मुक्तक)*
बट विपट पीपल की छांव 🐒🦒🐿️🦫
वैशाख का महीना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं तुम्हारे ख्वाबों खयालों में, मद मस्त शाम ओ सहर में हूॅं।
BLACK DAY (PULWAMA ATTACK)
कैसे गाऊँ गीत मैं, खोया मेरा प्यार
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
💐अज्ञात के प्रति-114💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गूँज उठा सर्व ब्रह्माण्ड में वंदेमातरम का नारा।