Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2022 · 1 min read

क़त’अ

ये बताओ किस तरह का दौर लाना चाहते हो,
अम्न का दीपक जो फूँकों से बुझाना चाहते हो,
हर हक़ीक़त से यहाँ की “अश्क” है वाकिफ़ बहुत ही-
क्यों किसी पत्थर को तुम पर्वत बनाना चाहते हो।।

©अश्क चिरैयाकोटी
12/02/2022

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
326 Views
You may also like:
होली (विरह)
होली (विरह)
लक्ष्मी सिंह
*मेरी इच्छा*
*मेरी इच्छा*
Dushyant Kumar
आज की प्रस्तुति: भाग 4
आज की प्रस्तुति: भाग 4
Rajeev Dutta
"इसलिए जंग जरूरी है"
Dr. Kishan tandon kranti
रूठी बीवी को मनाने चले हो
रूठी बीवी को मनाने चले हो
Prem Farrukhabadi
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
खिलौने वो टूट गए, खेल सभी छूट गए,
खिलौने वो टूट गए, खेल सभी छूट गए,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
तू रूठा मैं टूट गया_ हिम्मत तुमसे सारी थी।
Rajesh vyas
अब हम रोबोट हो चुके हैं 😢
अब हम रोबोट हो चुके हैं 😢
Rohit yadav
क़ब्र में किवाड़
क़ब्र में किवाड़
Shekhar Chandra Mitra
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
Buddha Prakash
हर कोई जिंदगी में अब्बल होने की होड़ में भाग रहा है
हर कोई जिंदगी में अब्बल होने की होड़ में भाग...
कवि दीपक बवेजा
तुम जोर थे
तुम जोर थे
Ranjana Verma
आंसूओं से
आंसूओं से
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-258💐
💐प्रेम कौतुक-258💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ हिंदी ग़ज़ल / वर्तमान
■ हिंदी ग़ज़ल / वर्तमान
*Author प्रणय प्रभात*
राम सिया की होली देख अवध में, हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख अवध में, हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
ਅੱਜ ਮੇਰੇ ਲਫਜ਼ ਚੁੱਪ ਨੇ
ਅੱਜ ਮੇਰੇ ਲਫਜ਼ ਚੁੱਪ ਨੇ
rekha mohan
!! मुसाफिर !!
!! मुसाफिर !!
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
चलो चले कुछ करते है...
चलो चले कुछ करते है...
AMRESH KUMAR VERMA
बात यही है अब
बात यही है अब
gurudeenverma198
2241.💥सबकुछ खतम 💥
2241.💥सबकुछ खतम 💥
Khedu Bharti "Satyesh"
मजबूर हूँ मज़दूर हूँ..
मजबूर हूँ मज़दूर हूँ..
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
#होई_कइसे_छठि_के_बरतिया-----?? (मेलोडी)
#होई_कइसे_छठि_के_बरतिया-----?? (मेलोडी)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*जेलों में जाते नेताजी 【हास्य-व्यंग्य गीतिका】*
*जेलों में जाते नेताजी 【हास्य-व्यंग्य गीतिका】*
Ravi Prakash
हरि चंदन बन जाये मिट्टी
हरि चंदन बन जाये मिट्टी
Dr. Sunita Singh
“ मत पीटो ढोल ”
“ मत पीटो ढोल ”
DrLakshman Jha Parimal
धूप
धूप
Saraswati Bajpai
घिसी चप्पल
घिसी चप्पल
N.ksahu0007@writer
***
*** " नाविक ले पतवार....! " ***
VEDANTA PATEL
Loading...