कहूं कैसे भोर है।

कहूं कैसे भोर है।
भाव तज वह ज्ञान का कौआ बने, मद शोर है।
प्रीति का अंकुर न फूटा, कहूं कैसे भोर है?
पंडित बृजेश कुमार नायक
कहूं कैसे भोर है।
भाव तज वह ज्ञान का कौआ बने, मद शोर है।
प्रीति का अंकुर न फूटा, कहूं कैसे भोर है?
पंडित बृजेश कुमार नायक