Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2022 · 1 min read

कहीं मोहब्बत जीता तो कहीं मात खा गया—-

कहीं मोहब्बत जीता तो कहीं मात खा गया।
जब दो दिल मिलने चले, जाति आड़े आ गया।।

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■सस्ता उपाय■
■सस्ता उपाय■
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-306💐
💐प्रेम कौतुक-306💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन की अभिव्यक्ति
जीवन की अभिव्यक्ति
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
होली के रंग
होली के रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
कविता
कविता
Shyam Pandey
"बढ़"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवात्मा
जीवात्मा
Mahendra singh kiroula
भुनेश्वर सिन्हा द्वारा संकलित गिरीश भईया फैंस कल्ब के वार्षिक कैलेंडर का किया गया विमोचन
भुनेश्वर सिन्हा द्वारा संकलित गिरीश भईया फैंस कल्ब के वार्षिक कैलेंडर का किया गया विमोचन
Bramhastra sahityapedia
कान में रुई डाले
कान में रुई डाले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
(19)
(19)
Dr fauzia Naseem shad
न रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
न रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
सत्य कुमार प्रेमी
*मां चंद्रघंटा*
*मां चंद्रघंटा*
Shashi kala vyas
More important than 'what to do' is to know 'what not to do'.
More important than 'what to do' is to know 'what not to do'.
Dr. Rajiv
तुम्हारा चश्मा
तुम्हारा चश्मा
Dr. Seema Varma
किसा गौतमी बुद्ध अर्हन्त्
किसा गौतमी बुद्ध अर्हन्त्
Buddha Prakash
लड्डू गोपाल की पीड़ा
लड्डू गोपाल की पीड़ा
Satish Srijan
बन्द‌ है दरवाजा सपने बाहर खड़े हैं
बन्द‌ है दरवाजा सपने बाहर खड़े हैं
Upasana Upadhyay
कहो जी होली है 【गीत】
कहो जी होली है 【गीत】
Ravi Prakash
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
कवि की कल्पना
कवि की कल्पना
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
बिन मौसम बरसात
बिन मौसम बरसात
लक्ष्मी सिंह
धरती मेरी स्वर्ग
धरती मेरी स्वर्ग
Sandeep Pande
उस वक़्त मैं
उस वक़्त मैं
gurudeenverma198
नमन माँ गंग !पावन
नमन माँ गंग !पावन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
DrLakshman Jha Parimal
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
Amit Pandey
मां की अभिलाषा
मां की अभिलाषा
RAKESH RAKESH
Loading...