Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2023 · 1 min read

कहां खो गए

ऐ दोस्त हम सबसे जुदा होके,
पता नहीं कहाँ खो गए तुम?
जब भी तेरी यादें आती हैं,
तब आँखें नम सी हो जाती हैं ।।

तुम्हारे संग हॉस्टल में हलचल मचाना,
हॉस्टल में एक दूसरे की खिल्ली उड़ाना।
तुम्हारे साथ पीटी में सुप्रिटेंडेंट सर के बाद जाना
देर से पहुँचने पर सर के द्वारा तुम्हारे साथ दंडित होना ।।

लंच में तुम्हारे संग खाना और गप्पे लड़ाना,
सच पूछो तो ये लम्हें बहुत याद आते हैं।
ऐ मेरे दोस्त जब भी तुम्हारी याद आती है,
तब मेरी आँखें नम हो जाती हैं ।।

ऐ मेरे दोस्त,
तुम्हारे बगैर ये जिंदगी ना पूरी सी लगती है,
तुम्हारे बगैर सारी मस्ती अधूरी सी लगती है,
हर पल, हर लम्हा तुम्हें याद करते हैं,
तू आ जा हमारे बीच हमेशा के लिए
ईश्वर से बस यही दरख़्वास्त करते हैं ।।

©अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’

17 Likes · 2 Comments · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहीं पहुंचने
कहीं पहुंचने
Ranjana Verma
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
घायल तुझे नींद आये न आये
घायल तुझे नींद आये न आये
Ravi Ghayal
हँसी
हँसी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कसास दो उस दर्द का......
कसास दो उस दर्द का......
shabina. Naaz
जिंदगी एक सफ़र अपनी
जिंदगी एक सफ़र अपनी
तारकेशवर प्रसाद तरुण
मेला
मेला
Dr.Priya Soni Khare
*चौदह अगस्त को मंथन से,निकला सिर्फ हलाहल था
*चौदह अगस्त को मंथन से,निकला सिर्फ हलाहल था
Ravi Prakash
"व्‍यालं बालमृणालतन्‍तुभिरसौ रोद्धुं समज्‍जृम्‍भते ।
Mukul Koushik
बता ये दर्द
बता ये दर्द
विजय कुमार नामदेव
दिल का खेल
दिल का खेल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
अब तो आओ न
अब तो आओ न
Arti Bhadauria
थक गई हूं
थक गई हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हुआ बुद्ध धम्म उजागर ।
हुआ बुद्ध धम्म उजागर ।
Buddha Prakash
गुम है सरकारी बजट,
गुम है सरकारी बजट,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
तुम्हारी निगाहें
तुम्हारी निगाहें
Er Sanjay Shrivastava
"अहसासों का समीकरण"
Dr. Kishan tandon kranti
जब ये ख्वाहिशें बढ़ गई।
जब ये ख्वाहिशें बढ़ गई।
Taj Mohammad
अतीत कि आवाज
अतीत कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
दायरों में बँधा जीवन शायद खुल कर साँस भी नहीं ले पाता
Seema Verma
चमत्कार को नमस्कार
चमत्कार को नमस्कार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हार स्वीकार कर
हार स्वीकार कर
रोहताश वर्मा मुसाफिर
उदासी एक ऐसा जहर है,
उदासी एक ऐसा जहर है,
लक्ष्मी सिंह
▫️ मेरी मोहब्बत ▫️
▫️ मेरी मोहब्बत ▫️
Nanki Patre
" भूलने में उसे तो ज़माने लगे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नफ़रत के सौदागर
नफ़रत के सौदागर
Shekhar Chandra Mitra
Loading...