Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

कश्ती औऱ जीवन

भावों रिश्तो संग जीवन कस्ती जैसी
निर्मल निर्झर प्रवाह हद हस्ती जैसी
सागर की गहराई जीवन की सच्चाई जैसी।।
झरने झील तालाब नदियां जीवन
जीवन मकसद की राहों जैसी
कभी निर्बाध निकलती कभी
डूबती छिछलेपन की कंकण जैसी।।
जीवन की कस्ती का पतवार
जैसा चाहो वैसी कभी चाहत
की मस्ती कभी वक्त की मार
तूफानों जैसी।।
जीवन की कस्ती जीवन की
कठिन चुनौती से डगमग होती
झूठ और सच्चाई जैसी ।।
उठते गिरते तूफानों में जंग
जीवन का लड़ती जीत हार
का जश्न हाहाकार हश्र की
संसय जैसी।।
जीवन के रिश्ते नाते जीवन
की कस्ती सवार मांझी मकसद
मंजिल खेवनहार को मिलती
चाही अनचाही मुरादों जैसी।।
कभी चाहों की राहों की कस्ती
कभी अनचाही शादिल और किनारा
अनजानी दुनियां जैसी।।
तूफ़ांनो झंझावत में लहरों
तूफानों में कस्ती जब फंसती
सवार भाँवो के रिश्तो में हलचल जैसी।।
रिश्ते नाते कुछ मुसक जैसे
जिस जिस कस्ती में सवार
उंसे कुतरते डूब ना जाए
भागते जल बिन मछली जैसी।।
छोड़ अकेला खुद खुदा को
शुक्र कहते पता नही होता
उनको उनकी नियत दुनियां में
चोर उचक्कों जैसी।।
जीवन की कस्ती मस्ती
सूझ बोझ सोच समझ
शौम्य संयम पतवार की
हस्ती।।
जिम्मेदारी नैतिकता
नीति नियत की निर्धारण
चुनौती से लड़ती बदलती
निकलती पहेली जैसी।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
पूजा
पूजा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
If we’re just getting to know each other…call me…don’t text.
If we’re just getting to know each other…call me…don’t text.
पूर्वार्थ
सरकारी जमाई -व्यंग कविता
सरकारी जमाई -व्यंग कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
■ चाल, चेहरा और चरित्र। लगभग एक सा।।
■ चाल, चेहरा और चरित्र। लगभग एक सा।।
*प्रणय प्रभात*
**** दर्द भरा मुक्तक *****
**** दर्द भरा मुक्तक *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
बिल्ली
बिल्ली
SHAMA PARVEEN
मन की डोर
मन की डोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मुझे क्रिकेट के खेल में कोई दिलचस्पी नही है
मुझे क्रिकेट के खेल में कोई दिलचस्पी नही है
ruby kumari
मंजिलें
मंजिलें
Santosh Shrivastava
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
संत हृदय से मिले हो कभी
संत हृदय से मिले हो कभी
©️ दामिनी नारायण सिंह
कुंडलिया - वर्षा
कुंडलिया - वर्षा
sushil sarna
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते...
मनोज कर्ण
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Seema gupta,Alwar
हम किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले
हम किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले
himanshu mittra
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
आप देखो जो मुझे सीने  लगाओ  तभी
आप देखो जो मुझे सीने लगाओ तभी
दीपक झा रुद्रा
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
Shreedhar
Being an ICSE aspirant
Being an ICSE aspirant
Chaahat
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
सत्य कुमार प्रेमी
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
मिट न सके, अल्फ़ाज़,
मिट न सके, अल्फ़ाज़,
Mahender Singh
प्रकृति ने
प्रकृति ने
Dr. Kishan tandon kranti
मैं सदा चलता रहूंगा,
मैं सदा चलता रहूंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुःख पहाड़ जैसे हों
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
DrLakshman Jha Parimal
Loading...