Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2024 · 1 min read

कवि

सूर्य भी निष्तेज-सा यदि आप कवि,
बन बढ़े, हिंसा छटे, तुम प्रेम छवि।
कहें ‘नायक’ चेत गह निज राष्ट्र का
प्राण – धन सह सत्य का संदेश कवि।

कवि वही जो चलता सत्य- कृपाण पर।
प्रेम बन छा जाता द्वंदी बाण पर।
जागरण दे राष्ट्र को ‘नायक बृजेश’।
मुस्कुराहट लिख दे निद्रित प्राण पर।

सजग करे जो राष्ट्र को कविराज है।
वही सच्चा है जो चेतन साज है।
रीढ़ वह,शोषित को जो ऊपर उठा
देता समता-सत् करे शुभ काज है।

अमल भाव से हृदय भरे जो,वह ही कवि है।
निशा छाॅंट दे,वह रचना ज्ञानोदय रवि है।
पार्थ हुआ चैतन्य, कृष्ण से गीता सुनकर।
जागा मानव ही क्षिति पर सद्बोधी -छवि है।

पं बृजेश कुमार नायक

2 Likes · 452 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
View all

You may also like these posts

sp117 जब मानव देह
sp117 जब मानव देह
Manoj Shrivastava
त्रिभाषा सूत्र लागू करने में फिर क्यों हो रही है देरी? जब हरियाणा में ' चित भी मेरी और पट भी मेरी '...
त्रिभाषा सूत्र लागू करने में फिर क्यों हो रही है देरी? जब हरियाणा में ' चित भी मेरी और पट भी मेरी '...
सुशील कुमार 'नवीन'
4177.💐 *पूर्णिका* 💐
4177.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
हो जाती है साँझ
हो जाती है साँझ
sushil sarna
- जिम्मेदारीया -
- जिम्मेदारीया -
bharat gehlot
Hasta hai Chehra, Dil Rota bahut h
Hasta hai Chehra, Dil Rota bahut h
Kumar lalit
तन्हाई
तन्हाई
ओसमणी साहू 'ओश'
" भविष्य "
Dr. Kishan tandon kranti
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
सत्य कुमार प्रेमी
:==:चिता की लपटे:==:
:==:चिता की लपटे:==:
Prabhudayal Raniwal
दोहा - कहें सुधीर कविराय
दोहा - कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
आईना
आईना
Pushpa Tiwari
तरु वे छायादार
तरु वे छायादार
RAMESH SHARMA
खुद को पागल मान रहा हु
खुद को पागल मान रहा हु
भरत कुमार सोलंकी
लोग कहते रहे
लोग कहते रहे
VINOD CHAUHAN
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
Pratibha Pandey
अल्फ़ाजी
अल्फ़ाजी
Mahender Singh
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
Indu Singh
कत्थई गुलाब,,, शेष अंतिम
कत्थई गुलाब,,, शेष अंतिम
Shweta Soni
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
समझो साँसो में तेरी सिर्फ मैं हूँ बसाँ..!!
Ravi Betulwala
भूलने की
भूलने की
Dr fauzia Naseem shad
तारीफ....... तुम्हारी
तारीफ....... तुम्हारी
Neeraj Agarwal
शांति दूत
शांति दूत
अरशद रसूल बदायूंनी
फांसी का फंदा भी कम ना था,
फांसी का फंदा भी कम ना था,
Rahul Singh
कभी उसकी कदर करके देखो,
कभी उसकी कदर करके देखो,
पूर्वार्थ
"दुखद यादों की पोटली बनाने से किसका भला है
शेखर सिंह
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
Rj Anand Prajapati
हरित - वसुंधरा।
हरित - वसुंधरा।
Anil Mishra Prahari
माथे पर दुपट्टा लबों पे मुस्कान रखती है
माथे पर दुपट्टा लबों पे मुस्कान रखती है
Keshav kishor Kumar
Loading...