Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2016 · 1 min read

कवि नहीं हूँ

लिखता हूँ पर कवि नहीं हूँ।
दिखता हूँ पर सही नहीं हूँ।
कुछ घाव गहरे लिए बैठा हूँ
पर होंठों को में सिए बैठा हूँ।
घायल हूँ तभी लिखता हूँ
लिखता हूँ पर कवि नहीं हूँ।

Language: Hindi
630 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Dr ShivAditya Sharma
View all
You may also like:
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
दुष्यन्त 'बाबा'
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
ruby kumari
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
ताजन हजार
ताजन हजार
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
हमारा फ़र्ज
हमारा फ़र्ज
Rajni kapoor
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
Ravi Prakash
मदर्स डे
मदर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"चंदा मामा, चंदा मामा"
राकेश चौरसिया
फूल रहा जमकर फागुन,झूम उठा मन का आंगन
फूल रहा जमकर फागुन,झूम उठा मन का आंगन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धार्मिक असहिष्णुता की बातें वह व्हाट्सप्प पर फैलाने लगा, जात
धार्मिक असहिष्णुता की बातें वह व्हाट्सप्प पर फैलाने लगा, जात
DrLakshman Jha Parimal
सच बोलो
सच बोलो
shabina. Naaz
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
सफलता
सफलता
Ankita Patel
किस्मत
किस्मत
Neeraj Agarwal
मेरी (अपनी) आवाज़
मेरी (अपनी) आवाज़
Shivraj Anand
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
surenderpal vaidya
मै शहर में गाँव खोजता रह गया   ।
मै शहर में गाँव खोजता रह गया ।
CA Amit Kumar
गजल सी रचना
गजल सी रचना
Kanchan Khanna
जीवन के इस लंबे सफर में आशा आस्था अटूट विश्वास बनाए रखिए,उम्
जीवन के इस लंबे सफर में आशा आस्था अटूट विश्वास बनाए रखिए,उम्
Shashi kala vyas
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"सफाई की चाहत"
*Author प्रणय प्रभात*
माँ शारदे...
माँ शारदे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मोमबत्ती जब है जलती
मोमबत्ती जब है जलती
Buddha Prakash
कुछ कहा मत करो
कुछ कहा मत करो
Dr. Sunita Singh
अश्रुपात्र A glass of tears भाग 10
अश्रुपात्र A glass of tears भाग 10
Dr. Meenakshi Sharma
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मौन में भी शोर है।
मौन में भी शोर है।
लक्ष्मी सिंह
कलयुगी की रिश्ते है साहब
कलयुगी की रिश्ते है साहब
Harminder Kaur
भारी लोग हल्का मिजाज रखते हैं
भारी लोग हल्का मिजाज रखते हैं
कवि दीपक बवेजा
Loading...