Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2019 · 1 min read

कविता —‘टूटा सिग्नल’

***
आज तोड़ा है
उसने ‘सिग्नल’
आफिस से लौटते वक्त
देखकर लाल-बत्ती
अनदेखा कर गया
नहीं सुन पाया
सिपाही की
कर्कश सीटी की आवाज
या फिर
सुनना नहीं चाहा
मस्तिष्क
तनाव से भरा था
इंद्रियाँ निष्क्रिय…
लाल सिग्नल
बास की लाल-लाल
घूरती दो आँखेंं
लगीं थीं उसे
जिनसे बचकर
भाग रहा था ‘वह’
बदहवास सा
सुकून पाने के लिए
अपने छोटे से घर की ओर
दुधमुंहे बच्चे की
किलकारियों के बीच
बेटी की दौड़कर
लिपटने की खुशी पाने को
और प्रतीक्षा करती
प्यार भरी मूक
दो गहरी
‘आंखों’ की झील में
डूब जाने के लिए
जो उसे अभी तक
जिंदा रखे हैं।

डॉ मंजु लता श्रीवास्तव

Language: Hindi
205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
71
71
Aruna Dogra Sharma
तेरे दुःख दर्द कितने सुर्ख है l
तेरे दुःख दर्द कितने सुर्ख है l
अरविन्द व्यास
"मजदूर"
Dr. Kishan tandon kranti
Param Himalaya
Param Himalaya
Param Himalaya
ख्वाब नाज़ुक हैं
ख्वाब नाज़ुक हैं
rkchaudhary2012
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल / MUSAFIR BAITHA
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
चांद
चांद
Annu Gurjar
.... कुछ....
.... कुछ....
Naushaba Suriya
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
Arghyadeep Chakraborty
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
Anand Kumar
*गुरु हैं कृष्ण महान (सात दोहे)*
*गुरु हैं कृष्ण महान (सात दोहे)*
Ravi Prakash
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ਕਿਉਂ ਰੋਵਾਂ
ਕਿਉਂ ਰੋਵਾਂ
Surinder blackpen
आज़ाद
आज़ाद
Satish Srijan
■ आज की सलाह
■ आज की सलाह
*Author प्रणय प्रभात*
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ज्ञान क्या है
ज्ञान क्या है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
याद तो बहुत करते हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर।
याद तो बहुत करते हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर।
Gouri tiwari
# क्रांति का वो दौर
# क्रांति का वो दौर
Seema 'Tu hai na'
नव बर्ष 2023 काआगाज
नव बर्ष 2023 काआगाज
Dr. Girish Chandra Agarwal
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
Manisha Manjari
☄️💤 यादें 💤☄️
☄️💤 यादें 💤☄️
Dr Manju Saini
जब तक हयात हो
जब तक हयात हो
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
श्याम घनाक्षरी-2
श्याम घनाक्षरी-2
सूर्यकांत द्विवेदी
शब्द
शब्द
Madhavi Srivastava
मैं पागल नहीं कि
मैं पागल नहीं कि
gurudeenverma198
Loading...