कविता का जन्म

कविता का जन्म
दर्द की भीनी भीनी सी महक से
जब हृदय महक जाता है
या अपरिष्कृता से कहें कि
ज्वालामुखियों की तपश सह नहीं पाता है
तो शब्दों का समूह बन कर कलम की स्याही से जो लिपट जाता है
कोरे कागज़ पर उभरा वो समूह कविता कहलाता है !
डॉ राजीव