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8 Dec 2022 · 1 min read

*कल्पवृक्ष (बाल कविता/कुंडलिया)*

कल्पवृक्ष (बाल कविता/कुंडलिया)
_____________________________
हम बच्चों को दो प्रभो ,कल्पवृक्ष उपहार
माँगें उससे टॉफियाँ , चूरन और अचार
चूरन और अचार , रोज गुब्बारे पाएँ
पकड़ें उसकी डोर ,व्योम में उड़-उड़ जाएँ
कहते रवि कविराय ,भेज दो हम सच्चों को
कल्पवृक्ष दो भेज ,स्वर्ग से हम बच्चों को
—————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
कल्पवृक्ष = इच्छा पूरी करने वाला स्वर्ग का एक वृक्ष
व्योम = आकाश ,अंतरिक्ष ,आसमान

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