*कल्पवृक्ष (बाल कविता/कुंडलिया)*

*कल्पवृक्ष (बाल कविता/कुंडलिया)*
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हम बच्चों को दो प्रभो ,कल्पवृक्ष उपहार
माँगें उससे टॉफियाँ , चूरन और अचार
चूरन और अचार , रोज गुब्बारे पाएँ
पकड़ें उसकी डोर ,व्योम में उड़-उड़ जाएँ
कहते रवि कविराय ,भेज दो हम सच्चों को
कल्पवृक्ष दो भेज ,स्वर्ग से हम बच्चों को
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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*कल्पवृक्ष =* इच्छा पूरी करने वाला स्वर्ग का एक वृक्ष
*व्योम =* आकाश ,अंतरिक्ष ,आसमान