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7 Feb 2023 · 1 min read

एक था वृक्ष

सम्वेदना के पुष्पों
की क्या है व्यथा
सूखे वृक्ष पर सुनो
कलरव की कथा।।

नींव ने यह सोचकर
दरख़्त महान किये
चूमेंगे आकाश यह
सपने जहान किये।

आशाओं के बोझ से
फिर पेड़ झुक गये
टूटी फिर डालियां
लो फल बिखर गए।।

प्रतीक बस वृक्ष हैं
कहना है कुछ और
छलछलाते आंसू हैं
पीत वसंत कुछ और।।

हो सके समझ लेना
दिल की सच्ची पीर
आशा भोर द्वार खड़ी
मन सबका अधीर।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
49 Views
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