Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2023 · 1 min read

कलम की ताकत और कीमत को

कलम की ताकत और कीमत को
एक लेखक ही अच्छी तरह समझ
सकता,तभी लेखन के माध्यम से
प्रस्तुतीकरण है देता।

3 Likes · 362 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
एक मजदूर
एक मजदूर
Rashmi Sanjay
हिन्दी दोहा -भेद
हिन्दी दोहा -भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
माँ कहती है खुश रहे तू हर पल
माँ कहती है खुश रहे तू हर पल
Harminder Kaur
बारहमासी समस्या
बारहमासी समस्या
Aditya Prakash
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
प्रेमदास वसु सुरेखा
जाम पीते हैं थोड़ा कम लेकर।
जाम पीते हैं थोड़ा कम लेकर।
सत्य कुमार प्रेमी
दिन जल्दी से
दिन जल्दी से
नंदन पंडित
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
विजय कुमार नामदेव
इस मुद्दे पर ना खुलवाओ मुंह मेरा
इस मुद्दे पर ना खुलवाओ मुंह मेरा
कवि दीपक बवेजा
योग
योग
DrKavi Nirmal
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
gurudeenverma198
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
भारत रत्न डॉक्टर विश्वेश्वरैया अभियांत्रिकी दिवस
भारत रत्न डॉक्टर विश्वेश्वरैया अभियांत्रिकी दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
// बेटी //
// बेटी //
Surya Barman
अनमोल घड़ी
अनमोल घड़ी
Prabhudayal Raniwal
लो सत्ता बिक गई
लो सत्ता बिक गई
साहित्य गौरव
*** मेरे सायकल की सवार....! ***
*** मेरे सायकल की सवार....! ***
VEDANTA PATEL
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले"इंद्र"
चुनावी साल में
चुनावी साल में
*Author प्रणय प्रभात*
एक तस्वीर तुम्हारी
एक तस्वीर तुम्हारी
Buddha Prakash
इजाज़त
इजाज़त
डी. के. निवातिया
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
Santosh Barmaiya #jay
बाबू जी
बाबू जी
Anoop 'Samar'
"सुस्त होती जिंदगी"
Dr Meenu Poonia
*मेरी इच्छा*
*मेरी इच्छा*
Dushyant Kumar
देशभक्ति का राग सुनो
देशभक्ति का राग सुनो
Sandeep Pande
*अभी तो घोंसले में है, विहग के पंख खुलने दो (मुक्तक)*
*अभी तो घोंसले में है, विहग के पंख खुलने दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
पहले तेरे हाथों पर
पहले तेरे हाथों पर
The_dk_poetry
💐अज्ञात के प्रति-50💐
💐अज्ञात के प्रति-50💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...