Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

कलम और कविता

कलम और कविता का साथ
हमेशा हो इनका हाथ में हाथ।

दोनों इक दूजे बिन हैं अधूरी
कविता कलम बिन न हो पूरी।

कविता कलम बिना न लिख होय
कलम कविता बिन जा सोय।

ऐसे साथ जैसे फूल और खुशबू
दोनों इक दूजे से ये करती गुफ्तगू।

फिर लिख देती नयी कहानियां
कभी कभी दोनों करें मनमानियां

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
59 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all

You may also like these posts

बहू बनी बेटी
बहू बनी बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रग रग में देशभक्ति
रग रग में देशभक्ति
भरत कुमार सोलंकी
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
स्वाभिमान सम्मान
स्वाभिमान सम्मान
RAMESH SHARMA
संविधान में हिंदी की स्थिति, राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी का योगदान, तात्विक विश्लेषण
संविधान में हिंदी की स्थिति, राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी का योगदान, तात्विक विश्लेषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तोड़ डालो ये परम्परा
तोड़ डालो ये परम्परा
VINOD CHAUHAN
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
Manisha Manjari
मेरा शहर- मुंगेर
मेरा शहर- मुंगेर
Ghanshyam Poddar
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
देश में क्या हो रहा है?
देश में क्या हो रहा है?
Acharya Rama Nand Mandal
सतगुरु से जब भेंट हुई
सतगुरु से जब भेंट हुई
Buddha Prakash
"देखा है"
Dr. Kishan tandon kranti
कुसुमित जग की डार...
कुसुमित जग की डार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
उम्मीद का दामन।
उम्मीद का दामन।
Taj Mohammad
माया प्रभु की
माया प्रभु की
Mahesh Jain 'Jyoti'
याद कब हमारी है
याद कब हमारी है
Shweta Soni
कुरुक्षेत्र की व्यथा
कुरुक्षेत्र की व्यथा
Paras Nath Jha
13 अधूरा
13 अधूरा
Kshma Urmila
रहब यदि  संग मे हमर , सफल हम शीघ्र भ जायब !
रहब यदि संग मे हमर , सफल हम शीघ्र भ जायब !
DrLakshman Jha Parimal
3287.*पूर्णिका*
3287.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घोर घोर घनघोर घटा की, प्रेम कहानी।
घोर घोर घनघोर घटा की, प्रेम कहानी।
Suryakant Dwivedi
राहत भरी चाहत
राहत भरी चाहत
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
शब्द अनमोल मोती
शब्द अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जा चला जा दिसंबर....
जा चला जा दिसंबर....
Jyoti Roshni
आकाश पढ़ा करते हैं
आकाश पढ़ा करते हैं
Deepesh Dwivedi
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
*मृत्युलोक में देह काल ने, कुतर-कुतर कर खाई (गीत)*
*मृत्युलोक में देह काल ने, कुतर-कुतर कर खाई (गीत)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल-कुछ नहीं आता !
ग़ज़ल-कुछ नहीं आता !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
sp 100 किस से मन की पीर *********************
sp 100 किस से मन की पीर *********************
Manoj Shrivastava
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
गौर फरमाएं अर्ज किया है....!
पूर्वार्थ
Loading...