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8 Aug 2021 · 1 min read

कर्म औ’र भाग्य से बन सिकंदर कभी।

कर्म औ’र भाग्य से बन सिकंदर कभी।
कुछ किए बिन न जगता मुकद्दर कभी।
हौसलों से सभी काम …..मुमकिन हुए,
गर है हिम्मत …तो लांघो समंदर कभी।

……✍️ प्रेमी

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
1 Like · 299 Views
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