Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2023 · 1 min read

करें उन शहीदों को शत शत नमन

करें उन शहीदों को शत शत नमन
जिन्हें सबसे प्यारा था अपना वतन

न ईसाई हिन्दू मुसलमान थे
वो तो सिर्फ भारत की संतान थे
वतन प्रेम ही जिनका ईमान था
लहरता तिरंगा ही पहचान था
जिन्होंने खिलाया ये हँसता चमन
करें उन शहीदों को शत शत नमन

लुटा दी जवानी वतन के लिए
लिखी हर कहानी वतन के लिए
वतन के लिए जो जिये अरु मरे
नहीं दुश्मनों से ज़रा जो डरे
किया देश के नाम तन और मन
करें उन शहीदों को शत शत नमन

रगों में बसा जिनके बस जोश था
ज़ुबां पर हमेशा विजय घोष था
पहन कर बसंती वसन जो लड़े
वतन के लिए हँसते फाँसी चढ़े
तिरंगा चुना था जिन्होंने कफ़न
करें उन शहीदों को शत शत नमन

31-01-2023
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
3 Likes · 795 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
दुनिया में कुछ चीजे कभी नही मिटाई जा सकती, जैसे कुछ चोटे अपन
दुनिया में कुछ चीजे कभी नही मिटाई जा सकती, जैसे कुछ चोटे अपन
Soniya Goswami
धूल के फूल
धूल के फूल
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
Rj Anand Prajapati
" साऊ "
Dr. Kishan tandon kranti
Window Seat
Window Seat
R. H. SRIDEVI
सोन चिरैया
सोन चिरैया
Mukta Rashmi
मेरे जज़्बात कुछ अलग हैं,
मेरे जज़्बात कुछ अलग हैं,
Sunil Maheshwari
मैं चाँद पर गया
मैं चाँद पर गया
Satish Srijan
हमारा अपना........ जीवन
हमारा अपना........ जीवन
Neeraj Agarwal
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
सुनीलानंद महंत
यु निगाहों का निगाहों से,
यु निगाहों का निगाहों से,
Manisha Wandhare
दूर दूर रहते हो
दूर दूर रहते हो
surenderpal vaidya
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
2212 2212
2212 2212
SZUBAIR KHAN KHAN
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
महाराणा सांगा
महाराणा सांगा
Ajay Shekhavat
प्रेम
प्रेम
Kshma Urmila
"मित्रों से जुड़ना "
DrLakshman Jha Parimal
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
देश की पहचान
देश की पहचान
Dr fauzia Naseem shad
अपनी ही हथेलियों से रोकी हैं चीख़ें मैंने
अपनी ही हथेलियों से रोकी हैं चीख़ें मैंने
पूर्वार्थ
3155.*पूर्णिका*
3155.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी चुभ जाती है बात,
कभी चुभ जाती है बात,
नेताम आर सी
लम्हें हसीन हो जाए जिनसे
लम्हें हसीन हो जाए जिनसे
शिव प्रताप लोधी
■ भाषा का रिश्ता दिल ही नहीं दिमाग़ के साथ भी होता है।
■ भाषा का रिश्ता दिल ही नहीं दिमाग़ के साथ भी होता है।
*प्रणय प्रभात*
ବିଭାଗ[ସମ୍ପାଦନା]
ବିଭାଗ[ସମ୍ପାଦନା]
Otteri Selvakumar
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
आधा ही सही, कुछ वक्त तो हमनें भी गुजारा है,
आधा ही सही, कुछ वक्त तो हमनें भी गुजारा है,
Niharika Verma
मुझे  किसी  से गिला  नहीं  है।
मुझे किसी से गिला नहीं है।
Ramnath Sahu
शुक्र मनाओ आप
शुक्र मनाओ आप
शेखर सिंह
Loading...