Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2024 · 1 min read

“करारी हार के ‌शिकार लोग ही,

“करारी हार के ‌शिकार लोग ही,
जीत के असली हकदार होते हैं ll

सबकी नजरों में बेकार लोग ही,
जीत के असली हकदार होते हैं ll

हजार नहीं, दो-चार लोग ही,
जीत के असली हकदार होते हैं ll

सर्वस्व खोने को तैयार लोग ही,
जीत के असली हकदार होते हैं ll

मुश्किलों से सदाबहार लोग ही,
जीत के असली हकदार होते हैं ll”

53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
लघुकथा - घर का उजाला
लघुकथा - घर का उजाला
अशोक कुमार ढोरिया
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"आँगन की तुलसी"
Ekta chitrangini
अन्तर्मन
अन्तर्मन
Dr. Upasana Pandey
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
The_dk_poetry
पुस्तक समीक्षा
पुस्तक समीक्षा
Ravi Prakash
प्रेम
प्रेम
Sanjay ' शून्य'
3787.💐 *पूर्णिका* 💐
3787.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शक्तिशाली
शक्तिशाली
Raju Gajbhiye
गैरों से जायदा इंसान ,
गैरों से जायदा इंसान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
Shubham Pandey (S P)
🙅नुमाइंदा_मिसरों_के_साथ
🙅नुमाइंदा_मिसरों_के_साथ
*प्रणय प्रभात*
ये ज़िंदगी डराती है, डरते नहीं हैं...
ये ज़िंदगी डराती है, डरते नहीं हैं...
Ajit Kumar "Karn"
दहेज ना लेंगे
दहेज ना लेंगे
भरत कुमार सोलंकी
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
Sunil Maheshwari
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
Dr. Harvinder Singh Bakshi
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
अब अपना पराया तेरा मेरा नहीं देखता
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
गाय
गाय
Vedha Singh
*कर्मफल सिद्धांत*
*कर्मफल सिद्धांत*
Shashi kala vyas
मेरे दर तक तूफां को जो आना था।
मेरे दर तक तूफां को जो आना था।
Manisha Manjari
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
मुझे पतझड़ों की कहानियाँ,
Dr Tabassum Jahan
अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।
अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।
Ashwini sharma
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
कितना दर्द सिमट कर।
कितना दर्द सिमट कर।
Taj Mohammad
"मैं तारीफें झूठी-मूठी नहीं करता ll
पूर्वार्थ
"बेहतर दुनिया के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
मूक संवेदना
मूक संवेदना
Buddha Prakash
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...