*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*क्यों ये दिल मानता नहीं है*
क्या भरोसा किया जाए जमाने पर
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
बड़ी शान से नीलगगन में, लहर लहर लहराता है
Why are the modern parents doesn't know how to parent?
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
Harmony's Messenger: Sauhard Shiromani Sant Shri Saurabh
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
अंधविश्वास से परे प्रकृति की उपासना का एक ऐसा महापर्व जहां ज
चूहों की चौकड़ी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हाथ पर हाथ धरे कुछ नही होता आशीर्वाद तो तब लगता है किसी का ज