Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2022 · 1 min read

करके शठ शठता चले

मित्रों, सादर समर्पित है कुण्डलिया
विषय-विश्वेश्वर महादेव

करके शठता शठ चले, जैसे कोई भूल।
महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल।
सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला।
छल करके क्या मिला, कपट को जबसे तौला।
कहें प्रेम कवि राय, मुक्ति काशी में मरके
शिवा सनातन सत्य, ध्यान जब शिव का करके।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

202 Views

Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

You may also like:
वक्त गर साथ देता
वक्त गर साथ देता
VINOD KUMAR CHAUHAN
Phoolo ki wo shatir  kaliya
Phoolo ki wo shatir kaliya
Sakshi Tripathi
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ है
कोई पत्ता कब खुशी से अपनी पेड़ से अलग हुआ...
कवि दीपक बवेजा
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
■ समयोचित सलाह
■ समयोचित सलाह
*Author प्रणय प्रभात*
🚩उन बिन, अँखियों से टपका जल।
🚩उन बिन, अँखियों से टपका जल।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अवसर त मिलनक ,सम्भव नहिं भ सकत !
अवसर त मिलनक ,सम्भव नहिं भ सकत !
DrLakshman Jha Parimal
कितना मुश्किल है
कितना मुश्किल है
Dr fauzia Naseem shad
लावणी छंद
लावणी छंद
Neelam Sharma
एक फूल की हत्या
एक फूल की हत्या
Minal Aggarwal
बगावत का बिगुल
बगावत का बिगुल
Shekhar Chandra Mitra
मन की कसक
मन की कसक
पंछी प्रगति
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
श्याम सिंह बिष्ट
क्या रखा है, वार (युद्ध) में?
क्या रखा है, वार (युद्ध) में?
Dushyant Kumar
सृष्टि के रहस्य सादगी में बसा करते है, और आडंबरों फंस कर, हम इस रूह को फ़ना करते हैं।
सृष्टि के रहस्य सादगी में बसा करते है, और आडंबरों...
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-405💐
💐प्रेम कौतुक-405💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सिलसिला ए इश्क
सिलसिला ए इश्क
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
Writing Challenge- आने वाला कल (Tomorrow)
Writing Challenge- आने वाला कल (Tomorrow)
Sahityapedia
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग में,
पुरुष अधूरा नारी बिन है, बिना पुरुष के नारी जग...
Arvind trivedi
रात है यह काली
रात है यह काली
जगदीश लववंशी
मेरी पहली शिक्षिका मेरी माँ
मेरी पहली शिक्षिका मेरी माँ
Gouri tiwari
मैं होता डी एम
मैं होता डी एम
Satish Srijan
माँ ब्रह्मचारिणी
माँ ब्रह्मचारिणी
Vandana Namdev
घर का ठूठ2
घर का ठूठ2
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तीन दोहे
तीन दोहे
Vijay kumar Pandey
विश्वास की मंजिल
विश्वास की मंजिल
Buddha Prakash
भू- भूधर पहने हुये, बर्फीले परिधान
भू- भूधर पहने हुये, बर्फीले परिधान
Dr Archana Gupta
हायकू
हायकू
Ajay Chakwate *अजेय*
दोहे नौकरशाही
दोहे नौकरशाही
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
Loading...