तुम बिन लगता नही मेरा मन है
Ram Krishan Rastogi
हमारी ग़ज़लों पर झूमीं जाती है
Vinit kumar
वर्तमान से वक्त बचा लो तुम निज के निर्माण में...
AJAY AMITABH SUMAN
यूं तो लगाए रहता है हर आदमी छाता।
सत्य कुमार प्रेमी
जैवविविधता नहीं मिटाओ, बन्धु अब तो होश में आओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं तुझको इश्क कर रहा हूं।
Taj Mohammad
تیری یادوں کی خوشبو فضا چاہتا ہوں۔
Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
ये ख्वाब न होते तो क्या होता?
सिद्धार्थ गोरखपुरी
✍️घर में सोने को जगह नहीं है..?✍️
'अशांत' शेखर
बेवफाओं के शहर में कुछ वफ़ा कर जाऊं
Ram Krishan Rastogi
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
डॉ.सीमा अग्रवाल