कन्यादान
कन्यादान
कलेजे को टुकड़े को दान किए जा रहा हूँ,
नम है मेरी ऑंखें कन्यादान किए जा रहा हूँ।
जाओ मेरी बिटिया,
जाओ पिया के घर में,
खुश रहो तुम वहाँ,
यहीं आशीर्वाद दिये जा रहा हूँ।
गोदी में तुम्हें खिलाया,
झूले पर भी झूलाया,
तुम मेरे प्राण के प्रिय हो,
तुझे दान किए जा रहा हूँ।
कन्या हो तुम मेरी,
मेरी जान से भी प्यारी,
खुश रहेगी प्यार तुम पिया घर,
यह सोच से कन्यादान किए जा रहा हूँ।
———————- मनहरण