Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2016 · 1 min read

कन्या भ्रूण संरक्षण

कविता
क्यों बिटिया तुम्हें रास आती नहीं ?
क्यों ख़ुशियाँ तुम्हें यार भाती नहीं ?
है बिटिया घरों में चहकती बुलबुल,
क्यों बुलबुल तुम्हें यार भाती नहीं ?
है पुरुष का अहम बिटिया से बड़ा,
क्या बिटिया तभी लाड़ पाती नहीं ?
है होना पुरुष का नारी का करम,
न होता पुरुष अगर वो लाती नहीं।
पड़े रहते सभी घर शमशान बन,
दिलों जाँ से अगर वो सजाती नहीं।
,,,अवधूत,,,

Language: Hindi
738 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

द्वंद
द्वंद
दीपक झा रुद्रा
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
Ravi Prakash
कई बचपन की साँसें - बंद है गुब्बारों में
कई बचपन की साँसें - बंद है गुब्बारों में
Atul "Krishn"
" ढूँढ़ना "
Dr. Kishan tandon kranti
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
पाँच दोहे
पाँच दोहे
अरविन्द व्यास
आओ बैठें कुछ बात करें
आओ बैठें कुछ बात करें
Meera Thakur
*** होली को होली रहने दो ***
*** होली को होली रहने दो ***
Chunnu Lal Gupta
जय गणेश देवा
जय गणेश देवा
Santosh kumar Miri
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
चले चलो
चले चलो
TARAN VERMA
तेरा बहुत बहुत शुक्रिया ए जिंदगी !
तेरा बहुत बहुत शुक्रिया ए जिंदगी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
धर्म कर्म
धर्म कर्म
Jaikrishan Uniyal
ज़िंदगी तेरी हद
ज़िंदगी तेरी हद
Dr fauzia Naseem shad
🌹🙏 Bhaj man radhe krishna 🙏 🌹
🌹🙏 Bhaj man radhe krishna 🙏 🌹
Nayan singer
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गरीबी एक रोग
गरीबी एक रोग
Sunny kumar kabira
उम्मीद का दिया
उम्मीद का दिया
Dr. Rajeev Jain
"पँ0 कृष्णराव गणेश" के जन्मदिन, 20 जनवरी पर विशेष"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मान हो
मान हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
उसकी सूरत में उलझे हैं नैना मेरे।
उसकी सूरत में उलझे हैं नैना मेरे।
Madhuri mahakash
पिता,वो बरगद है जिसकी हर डाली परबच्चों का झूला है
पिता,वो बरगद है जिसकी हर डाली परबच्चों का झूला है
शेखर सिंह
..
..
*प्रणय*
2758. *पूर्णिका*
2758. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
पूर्वार्थ
लवली दर्शन(एक हास्य रचना ) ....
लवली दर्शन(एक हास्य रचना ) ....
sushil sarna
*पथ संघर्ष*
*पथ संघर्ष*
Shashank Mishra
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
RAMESH SHARMA
मनुष्य
मनुष्य
OM PRAKASH MEENA
Loading...